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जयपुर SMS अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर के ICU वार्ड में लगी आग, 7 मरीजों की मौत... अन्य 5 की हालत गंभीर

जयपुर के एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात भीषण आग भड़क उठी. ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर स्थित आईसीयू में आग की लपटें उठीं, जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. तिमारदार मरीजों को बेड सहित सड़क पर लेकर भागे. आईसीयू में भर्ती सभी मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया.

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जयपुर स्थित सवाई मान सिंह अस्पताल के ट्रॉमा ​सेंटर के आईसीयू में 5 अक्टूबर की देर रात आग लग गई. (Screenshot)
जयपुर स्थित सवाई मान सिंह अस्पताल के ट्रॉमा ​सेंटर के आईसीयू में 5 अक्टूबर की देर रात आग लग गई. (Screenshot)

जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल (SMS Hospital) के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात भीषण आग लग गई. आग की लपटें ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर स्थित आईसीयू वार्ड में तेजी से फैलीं, जिसके बाद अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई. हादसे के वक्त ICU में 24 मरीज मौजूद थे. आग की लपटें देख अस्पताल के कर्मचारी और ICU वार्ड के बाहर मौजूद तीमारदार तुरंत ​हरकत में आए और मरीजों को बेड सहित बाहर निकालना शुरू किया.

इस घटना में दम घुटने से कम से कम 7 मरीजों की मौत हो गई और कई अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है. एसएमएस हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर प्रभारी अनुराग धाकड़ ने कहा, 'ट्रॉमा सेंटर में दूसरी मंजिल पर दो आईसीयू हैं. एक ट्रॉमा आईसीयू और एक सेमी-आईसीयू. वहां 24 मरीज़ थे; 11 ट्रॉमा आईसीयू में और 13 सेमी-आईसीयू में. ट्रॉमा आईसीयू में शॉर्ट सर्किट हुआ और आग तेज़ी से फैल गई, जिससे जहरीली गैसें निकलीं. ज्यादातर गंभीर मरीज बेहोशी की हालत में थे.'

पांच और मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है

ट्रॉमा सेंटर प्रभारी ने कहा, 'हमारी ट्रॉमा सेंटर टीम, हमारे नर्सिंग ऑफिसर और वार्ड बॉय ने तुरंत उन्हें ट्रॉलियों पर लादकर बचाया और जितने मरीजों को हम आईसीयू से बाहर निकाल पाए, उन्हें दूसरी जगह ले गए. उनमें से छह मरीजों की हालत बहुत गंभीर थी; हमने सीपीआर से उन्हें होश में लाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका... पांच मरीज अब भी गंभीर हैं... मृतकों में दो महिलाएं और चार पुरुष हैं. मृतकों की पहचान पिंटू (सीकर) , दिलीप (आंधी) , श्रीनाथ (भरतपुर), रुक्मणि (भरतपुर), खुशमा (भरतपुर) और बहादुर (सांगानेर) के रूप में हुई है.'

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मरीजों को बेड सहित सड़क पर लेकर भागे 

तिमारदार (पेशेंट के साथ मौजूद उसके घरवाले या रिश्तेदार) अपने-अपने मरीजों को बेड सहित लेकर अस्पताल से बाहर भागे. कई गंभीर मरीजों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें एसएमएस अस्पताल के बाहर सड़क पर मरीज बेड पर ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ लेटे हुए हैं. अस्पताल प्रशासन और दमकल विभाग की टीमों ने घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. सूचना मिलते ही दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया. इस दौरान स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीमें भी मौके पर मौजूद रहीं.

घटना की सूचना पाकर राजस्थान सरकार के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और कांग्रेस विधायक रफीक खान देर रात एसएमएस अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. इस घटना के बाद पूरे अस्पताल परिसर में फायर सेफ्टी सिस्टम की जांच शुरू कर दी गई है. बता दें कि जयपुर का एसएमएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल राजस्थान के सबसे पुराने और प्रमुख सरकारी चिकित्सा संस्थानों में से एक है. इस अस्पताल में 6,250 से बेड हैं और यहां लगभग सभी प्रमुख बीमारियों का इलाज होता है.

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