अब्दुल्ला परिवार हो या महबूबा मुफ्ती, इन्हें रिहा होकर भी चैन नहीं मिला है. इन्हें रह रह कर 5 अगस्त 2019 की तारीख याद आ रही है. क्योंकि इसी दिन देश को अनुच्छेद 370 से छुटकारा मिला था. कश्मीर को देश से पूरी तरह जोड़ने के लिए ये बड़ा फैसला था. लेकिन कश्मीर के नेताओं के लिए अपनी राजनीति ज़रूरी है. क्योंकि 370 हटने से कश्मीर के नेताओं की राजनीति का शटर डाउन हो गया था. इसलिए अब ये सब नेता छूट जाने के बाद 370 पर पूरा ज़ोर लगा रहे हैं. इन्होंने श्रीनगर में मीटिंग करके उस गुपकार प्लान पर बात की है, जो इन नेताओं ने 370 पर फैसले से पहले तैयार किया था. खबरदार में देखें गुपकार समूह का पूरा विश्लेषण.