पहलगाम हमले के बाद पूरी दुनिया भारत के अगले कदम के इंतजार में है. पाकिस्तान जिस तरह चीन -रूस और ब्रिटेन आदि से गुहार लगा रहा है उसका सीधा मतलब है कि वह डरा हुआ है. भारत और पाकिस्तान में चल रही उठापटक पर ध्यान दें तो ऐसा लग रहा है कि भारत किसी भी सूरत में पाकिस्तान पर हमला कर सकता है. ऐसी धारणा क्यों बन रही है इसके कई कारण हैं, जो राजनीतिक, सैन्य, राजनयिक और सामाजिक कारकों से जुड़े हैं. हाल ही सोशल मीडिया पर दोनों देशों की तरफ से दुष्प्रचार भी युद्ध का ही एक हिस्सा है. ऐसी खबरें चल रही हैं कि PoK के हट्टियन बाला जिले में झेलम नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि के कारण पाकिस्तान ने यहां जल आपातकाल घोषित कर दिया है. इसकी मुख्य वजह भारत द्वारा उरी बांध से बिना पूर्व सूचना के पानी छोड़ने का आरोप है, जिसे पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि (1960) का उल्लंघन मान रहा है.
दूसरी तरफ एक खबर यह भी फैली हुई है कि पाकिस्तानी सेना में कथित इस्तीफों का दौर जारी है. इन खबरों में दावा किया गया है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तानी सेना में बड़े पैमाने पर इस्तीफे हो रहे हैं. पर इन सब बातों के बीच कुछ ऐसी घटनाएं भी हैं जो सीधे तौर पर इशारा कर रही हैं कि आने वाले कुछ दिनों में कुछ बड़ा होने वाला है.
1-नई दिल्ली की सरगर्मियां
नई दिल्ली में भी राजनीतिक और कूटनीतिक सरगर्मियां तेज हो गईं हैं. ऐसी संभावना बनती दिख रही है जैसे कि कुछ बड़ा होने वाला है.सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सबसे पहले आर्मी चीफ से लंबी मुलाकात की. उसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोक कल्याण मार्ग स्थिति प्रधानमंत्री आवास पहुंचे और वहां पीएम नरेंद्र मोदी को ताजा हालात के बारे में अपडेट दिया है. रक्षा मंत्री सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक भी की है और पहलगाम में चल रहे ऑपरेशन और स्थिति की जानकारी दी है. पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी का बेहद सख्त रुख देखा जा रहा है. ऐसे में पूरी दुनिया में यह चर्चा है कि कुछ बड़ा होने वाला है और भारत आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने जा रहा है.
2-पाकिस्तानी नेताओं का डर बहुत कुछ कहता है
पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून के अनुसार पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने छोटे भाई और वर्तमान प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को सलाह दी है कि वह भारत से युद्ध के बारे में न सोचें. बल्कि डिप्लोमेसी का सहारा लें. ताकि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम किया जा सके. हालांकि, इससे पहले शाहबाज शरीफ ने धमकी भरे लहजे में कहा कि पाकिस्तान भारत को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयारी है.
नवाज शरीफ की तरह पाकिस्तानी सरकार में बैठे मंत्रियों की जिस तरह की बयानबाजी सामने आ रही है उसे देखकर यही लगता है कि वो बुरी तरह डरे हुए हैं. पाकिस्तान के गृह मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के कहा था कि सिंधु का पानी रोके जाने को पाकिस्तान बर्दाश्त नहीं करेगा और इसे युद्ध का ऐलान माना जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत अगर कोई कदम उठाता है तो पाकिस्तान युद्ध के लिए तैयार है.
पाकिस्तानी गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा था कि भारत ने कोई भी कदम उठाया तो पाकिस्तान युद्ध के लिए तैयार है. पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे बिलावल भुट्टो ने भी भारत को बड़ी धमकी दी है. उन्होंने सिंधु जल संधि को निलंबित करने को लेकर कहा कि यह भारत की एकतरफा कार्रवाई है. भुट्टो ने कहा, 'सिंधु दरिया हमारा है और हमारा ही रहेगा. सिंधु में या तो हमारा पानी बहेगा या फिर उनका खून.'
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और रेल मंत्री हनीफ अब्बासी ने भी भारत के खिलाफ बयान युद्ध के ऐलान जैसा ही है. पाकिस्तानी रेल मंत्री हनीफ अब्बासी ने रावलपिंडी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत को परमाणु बम की धमकी दी थी. उन्होंने कहा था, 'हमारी सभी मिसाइलों का रुख भारत की ओर है. अगर भारत ने कोई दुस्साहस किया तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. हमारे पास दुनिया का सबसे शक्तिशाली परमाणु बम है. हमने गोरी, शाहीन, गजनवी जैसी मिसाइलें और 130 परमाणु बम सिर्फ भारत के लिए रखे हैं.
3-भारत की तीनों सेनाओं का युद्धाभ्यास
24-25 अप्रैल को भारत ने tri-service युद्धाभ्यास शुरू किया, जिसमें भारतीय वायुसेना (IAF), थल सेना, और नौसेना ने हिस्सा लिया. ये अभ्यास देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और अरब सागर में, आयोजित किए गए.
वायुसेना के युद्धाभ्यास में राफेल, सुखोई-30, और अन्य लड़ाकू विमानों ने पहाड़ी और जमीनी लक्ष्यों पर हमलों का अभ्यास किया. यह अभ्यास कई एयरबेसों पर आयोजित हुआ, और इसका उद्देश्य युद्ध की स्थिति में त्वरित और सटीक हमला करने की क्षमता को परखना था. भारतीय नौसेना ने अरब सागर में INS सूरत के साथ मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल का सफल परीक्षण किया. यह अभ्यास उसी समय हुआ जब पाकिस्तान ने अरब सागर में सतह-से-सतह मिसाइल परीक्षण की NOTAM जारी की थी. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पहलगाम का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की, जो सैन्य तैयारियों का हिस्सा माना जा रहा है.
ये युद्धाभ्यास भारत का पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने का प्रयास थे, खासकर तब जब भारत ने हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों, जैसे द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) और लश्कर-ए-तैयबा, को जिम्मेदार ठहराया है.
4-पाकिस्तानी सेना की तैयारी
खबर आ रही है कि पाकिस्तान की वायुसेना ने भी युद्धाभ्यास शुरू किया है. कुछ पत्रकारों के ट्वीट को अगर सही मानें तो तुर्की से कुछ लड़ाकू विमान पाकिस्तान आए हैं. पाकिस्तानी सेना ने LoC के साथ अपनी तैनाती बढ़ाई और कई स्थानों पर छोटे हथियारों से गोलीबारी शुरू की है. भारतीय सेना का कहना है कि 25-26 अप्रैल और 27-28 अप्रैल की रात को पाकिस्तानी सेना ने कुपवाड़ा, पूंछ, तुतमारी गली, और रामपुर सेक्टरों में बिना उकसावे के गोलीबारी की, जिसका भारत ने जवाब दिया. पाकिस्तान में C-130 परिवहन विमानों को PoK के नजदीक अग्रिम ठिकानों पर देखा गया, जो सैन्य उपकरणों या सैनिकों की तैनाती का संकेत हो सकता है.
पाकिस्तानी सेना ने अपने SSG कमांडो को सीमा के संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया है, ताकि भारत की किसी भी जमीनी घुसपैठ का जवाब दिया जा सके.पाकिस्तान ने अपनी सामरिक परमाणु हथियार प्रणाली, नस्र (हटफ-9), को सीमा के पास तैनात किया है. यह पूर्ण स्पेक्ट्रम प्रतिरोध (full spectrum deterrence) नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत की पारंपरिक सैन्य कार्रवाइयों को रोकना है. इस बीच पाकिस्तान ने अरब सागर में सतह-से-सतह मिसाइल परीक्षण के लिए NOTAM (नोटिस टू एयरमेन) जारी किया, जो उसकी सैन्य ताकत का प्रदर्शन है.
पाकिस्तान ने X पर #PAFReadyToRespond और #IndiaEmptyThreats जैसे हैशटैग के साथ प्रचार शुरू किया, जिसमें भारत की धमकियों को खोखला बताया गया.
5-मोदी का बार-बार कड़े संदेश देना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद कहा था कि आतंकियों और उनके समर्थकों को पृथ्वी के अंत तक खदेड़कर सजा दी जाएगी. यह बयान उन्होंने बिहार की चुनावी रैली में दिया था और फिर 'मन की बात' में कुछ इसी तरह का संदेश दिया जो स्पष्ट इशारा करता है कि पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई होनी तय है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी जोरदार जवाब देने का वादा किया, जिसे सैन्य कार्रवाई की संभावना के रूप में देखा गया है. मोदी सरकार के दौरान भारत ने पहले 2016 (उड़ी हमले) और 2019 (पुलवामा हमले) में सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमले किए थे, जिससे जनता को पूरी उम्मीद है कि इस बार भी ऐसी कार्रवाई होगी.
27 अप्रैल, 2025 को 'मन की बात' में मोदी ने कहा, पहलगाम हमले ने हर भारतीय के दिल को दुखी किया है. यह आतंकवाद के संरक्षकों की हताशा दिखाता है, जब कश्मीर में शांति लौट रही थी, पर्यटन बढ़ रहा था, और लोकतंत्र मजबूत हो रहा था. उन्होंने दोहराया कि आतंकवादियों और उनके षड्यंत्रकारियों को सबसे कड़ी सजा दी जाएगी.