उम्र बढ़ने के शुरुआती संकेत एक समय पर आंखों के आसपास या हाथों पर दिखते थे, लेकिन आजकल सिर्फ हमारे हाथों और आंखों पर ही नहीं बल्कि गर्दन पर भी बढ़ती उम्र के लक्षण दिखाई देते हैं. जिन्हें लोग अक्सर ही अनदेखा कर देते हैं, जबकि इन्हें समय रहते पहचान लेने से आप अपनी बढ़ती उम्र की रफ्तार को कम कर सकते हैं.
लंदन के कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. डेरेक फिलिप्स के मुताबिक, 'टेक नेक वो समस्या है जिसमें हमारी गर्दन पर जल्दी झुर्रियां, ढीलापन और लाइनें आ जाती हैं. इसका सबसे बड़ा कारण लगातार घंटों फोन, टैबलेट या लैपटॉप देखते रहना है. ‘टेक नेक’ उस असर को कहते हैं जो किसी गैजेट को देखते समय झुकने की वजह से गर्दन और स्किन पर पड़ता है.
इसमें गर्दन की मसल्स और स्किन की बनावट और क्वालिटी पर असर आता है. टेक पर झुकने की आदत और ब्लू लाइट का प्रभाव मिलकर ‘टेक नेक’ पैदा करता है. इसका असर गर्दन और डिकॉलेज (छाती के ऊपरी हिस्से) पर झुर्रियों और स्किन टेक्सचर की समस्याओं के रूप में दिखता है.'
बहुत से लोग मिरर में अपनी गर्दन पर लाइनें देख कर समझते हैं कि लंबे सफर, जूम मीटिंग्स और सोशल मीडिया स्क्रॉलिंग ने क्या असर डाला है. अगर समय रहते आप अपनी रोजाना की आदतों में बदलाव नहीं करते हैं तो उम्र से पहले बुढ़ापा दस्तक दे जाएगा.
दोनों डर्मेटोलॉजिस्ट मानते हैं कि गर्दन पर लगाया गया प्रोडक्ट भी बहुत मायने रखते हैं.
अक्सर लोग सिर्फ जबड़े तक ही ध्यान देते हैं, लेकिन गर्दन और छाती की भी उतनी ही देखभाल की जरूरत रखते हैं. डॉ. जाफर कहती हैं कि गर्दन और छाती को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. लेकिन ये भी जल्दी बूढ़ी होती हैं. इसलिए स्किनकेयर को चेहरे से आगे बढ़ाना जरूरी है.
टेक नेक सिर्फ स्किन की समस्या नहीं है, ये लगातार मोबाइल देखने से लाइनें और झुकाव बढ़ता है और खराब पोस्चर से गर्दन की मसल्स पर बार-बार दबाव पड़ता है. डॉ.जाफर के अनुसार, टेक नेक को कम करने का सबसे अच्छा तरीका कंबिनेशन थेरेपी, सही पोस्चर, स्किनकेयर आदतें और प्रोफेशनल ट्रीटमेंट है.