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'लव बाइट' से स्ट्रोक का खतरा! हिक्की से प्यार जताने वाले सावधान, डॉक्टर की चेतावनी जरूर सुनें

हिक्की को लव बाइट या किस बाइट (Hickey or love bite) नाम से भी जाना जाता है. हालांकि इसे प्यार जताने का एक तरीका माना जाता है लेकिन हिक्की से कुछ गंभीर बीमारियां और यहां तक कि स्ट्रोक का खतरा भी हो सकता है. इस बारे में बैंगलोर के डॉक्टर्स और रिसर्च का क्या कहना है, इस बारे में जानेंगे.

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हिक्की को आम भाषा में लव बाइट भी बोलते हैं.
हिक्की को आम भाषा में लव बाइट भी बोलते हैं.

Hickey or love Bite: लव बाइट (हिक्की) वैसे तो ये एक छोटा सा निशान है लेकिन इसमें छुपा होता है प्यार. यह सिर्फ शरीर पर पड़ा एक निशान नहीं होता बल्कि उस पल की याद भी होता है जब भावनाएं शब्दों से आगे बढ़ जाती हैं. वैसे तो प्यार में अपने पार्टनर को हिक्की देना आम बात है लेकिन क्या आप जानते हैं लव बाइट आपकी हेल्थ को भी प्रभावित कर सकती है? जी हां, लव बाइट में खून का थक्का जमना, त्वचा का नीला पड़ना और सूजन जैसी समस्याओं के अलावा भी आपको कुछ गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और इन समस्याओं में स्ट्रोक भी शामिल है. लव बाइट या हिक्की से होने वाले जोखिमों के बारे में हर किसी को जानकारी जरूरी होनी चाहिए. तो आइए इस बारे में जानते हैं... 

लव बाइट (हिक्की) हिक्की क्या होती है?

हिक्की, जिसे लव बाइट के नाम से भी जाना जाता है, आपकी त्वचा पर गहरे लाल या बैंगनी रंग का निशान होता है जो तेजी से 20 या 30 सेकंड तक भी स्किन को चूसने या काटने (तीव्र सक्शन) के कारण हो सकता है. आसान शब्दों में समझें तो हिक्की के बाद जो निशान रह जाता है, वह खून के जमने के कारण होता है. दरअसल, जब आपका पार्टनर आपकी त्वचा को तेजी से चूसता या काटता है तो दबाव के कारण सतह के नीचे छोटी ब्लड वेसिल्स टूट जाती हैं. इन टूटी हुई ब्लड वेसिल्स पेटीचिया नामक खून के छोटे-छोटे धब्बे छोड़ती हैं जो सतह पर आकर लाल, नीले या बैंगनी निशान छोड़ देती हैं. मेडिकल की भाषा में हिक्की को ये नाम दिए जा सकते हैं,

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  • एक्चिमोसिस
  • एरिथेमा
  • हेमेटोमा
  • पुरपुरा
  • पेटीचिया

लेकिन ये ब्लड वेसिल्स सिर्फ हिक्की के दौरान ही नहीं टूटते, बल्कि जब आप किसी कठोर चीज से टकराते हैं तो भी ये टूट जाती हैं और इस कारण दर्द होता है या स्किन पर ऊपर नीले या लाल निशान पड़ जाते हैं.

एक ध्यान देने वाली बात ये भी है कि कुछ मेडिकल कंडिशंस में जब किसी को एस्पिरिन या अन्य एंटीकोआगुलेंट्स जैसी खून पतला करने वाली दवाएं दी जाती है तो उन लोगों को स्किन पर हल्का सा दवाब पड़ने से भी चोट लग जाती है और हिक्की जैसे निशान बन सकते हैं.

शुरुआत में हिक्की एक खरोंच जैसी दिखती है. धीरे-धीरे जैसे ही खून ब्लड वेसिल्स से स्किन की सतह के नीचे आता है तो वे पहले लाल दिखती हैं और फिर बैगनीं हो जाती हैं. फिर धीरे-धीरे रंग हल्का पीला होता है और फिर 10-12 दिन बाद से खत्म हो जाती हैं.

हिक्की से ये 3 समस्याएं भी हो सकती हैं

बैंगलोर के स्पर्श अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. नितिन कुमार एन ने Aajtak.in को बताया, 'जब कपल्स फोरफ्ले करते हैं तो गर्दन पर किस के दौरान तेज दबाव पड़ने से लाल-नीले रंग के निशान बन जाते हैं, उसे हिक्की कहते हैं. जैसा कि आप जानते हैं, आमतौर पर हिक्की को गंभीर नहीं माना जाता है, लेकिन पिछले कुछ समय में कुछ कॉम्प्लिकेशंस की सूचना मिली है इसलिए हमारे जैसे न्यूरोलॉजिस्ट के लिए यह जरूरी है कि हम आपको इस बारे में जानकारी दें कि इन हिक्की या लव बाइट्स से हमें क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं.'

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'लव बाइट्स से तीन प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं. एक है कैरोटिड साइनस. दरअसल, गर्दन के किनारे पर नर्व्स सेल्स का ग्रुप होता है इसलिए जब भी कोई लव बाइट करता है तो ये नर्व्स सेल्स एक्टिवेट हो जाते हैं और सेल्स तंत्रिका कोशिकाएं हृदय से जुड़ी होती हैं इसलिए इनमें हृदय गति कम करने या ब्लड प्रेशर कम करने की प्रवृत्ति होती है. इससे चक्कर आ सकते हैं, आप गिर सकते हैं और किसी भी तरह की जटिलताएं हो सकती हैं.'

'दूसरी बात यह है कि मान लीजिए कि गर्दन की वेसिल्स में पहले से ही थक्का जमा है तो अब यदि कोई लव बाइट से उन वेसिल्स पर लव बाइट के द्वारा अधिक जोर लगाता है तो वे थक्के खिसककर सिर की ओर बढ़ने की संभावना होती है. अब ऐसे में जब यह थक्के मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं तो यह स्ट्रोक का कारण बन सकता है.'

'तीसरी बात यह है कि गर्दन पर जोर से किस के दौरान अगर गर्दन की नाजुक ब्लड वेसिल्स के फटने की संभावना होती है और उनकी परत फट जाने से खून के थक्के जम जाते हैं और ब्लड बाहर आ सकता है. इसलिए, यह जरूरी है कि जब कोई बहुत संवेदनशील हो तो ऐसे चीजों के प्रति सचेत रहना चाहिए.'

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2011 में न्यूजीलैंड की एक महिला को हिक्की के बाद लकवा हो गया था. आपातकालीन डॉक्टर्स ने उसके मस्तिष्क में खून का थक्का पाया और स्ट्रोक का इलाज किया था. वहीं डेनमार्क में एक 35 वर्षीय महिला को हिक्की के 12 घंटे बाद स्ट्रोक के कारण शरीर के दाहिने हिस्से में कमजोरी आ गई थी.

WebMed के मुताबिक, हिक्की से स्ट्रोक होने के लिए बहुत ही असामान्य परिस्थितियों की आवश्यकता होती है. इसका कारण है कि आपकी गर्दन के दोनों ओर से एक मुख्य धमनी गुजरती है जिसे कैरोटिड कहा जाता है. ये आपके मस्तिष्क, चेहरे और गर्दन को खून की आपूर्ति करती है. हिक्की के दौरान जब कैरोटिड धमनी पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है तो उससे खून का थक्का बन सकता है या पहले मौजूद थक्का अपनी जगह से हिल सकता है और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है. न्यूजीलैंड और डेनमार्क की महिलाओं को पहले से ही धमनी संबंधी समस्याएं रही होंगी, जिससे उन्हें स्ट्रोक का अधिक खतरा हो सकता है.' 

हिक्की के साइड इफेक्ट क्या हैं?

Healthline के मुताबिक, वैसे तो हिक्की से कोई अधिक समस्या नहीं होनी चाहिए लेकिन यदि हिक्की का निशान लंबे समय तक नहीं जाता है, अधिक दर्द होता है, शरीर पर कई जगह हिक्की के निशान बन जाएं, हिक्की के ऊपर गांठ बन जाए तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि ये लक्षण खून संबंधित कोई बीमारी या खून का थक्का जमने की समस्या जैसी किसी मेडिकल कंडिशन का भी संकेत हो सकते हैं. हालांकि इसकी संभावना बहुत अधिक नहीं है लेकिन हिक्की के बाद कुछ गंभीर चोटें आई हैं, जिनमें लकवा और स्ट्रोक भी शामिल है.

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हालांकि हिक्की जैसे नीले या काले निशान को एरिथेमा नोडोसम भी कहा जाता है. ये कुछ बीमारियों के लक्षण भी हो सकते हैं. जिनमें शामिल हैं...

  • टीबी
  • जीवाणु संक्रमण
  • फंगल संक्रमण
  • सारकॉइडोसिस
  • सूजन बाउल डिसीज
  • थ्रोम्बोसाइटोपेनिया


हालांकि इन स्थितियों में हिक्की के लक्षण समान हो सकते हैं लेकिन ये भी जान लें कि हिक्की केवल एक मूमेंट के बाद ही दिखाई देती है. गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनने के लिए हिक्की जैसे निशान बिना किसी कारण से शरीर में दिखाई देते हैं और उसके साथ कई अन्य लक्षण भी सामने आते हैं.

हिक्की कितने दिन तक रहती है?

वैसे तो अन्य चोटों की तरह हिक्की को सही होने में 3 दिन से लेकर 2-3 हफ्ते का समय लग सकता है. हिक्की की चोट आपकी स्किन की सतह के नीचे होती है इसलिए उसे ठीक होने में समय लगता है. हालांकि धीरे-धीरे हिक्की का रंग बदलता है और वो ठीक हो जाती है.

पहले दिन: त्वचा के नीचे खून जमने के कारण लाल थक्का दिखाई देगा.

पहले से दूसरे दिन: हीमोग्लोबिन (खून में आयरन युक्त प्रोटीन जो ऑक्सीजन ले जाता है) में परिवर्तन होने पर चोट का रंग नीला-बैंगनी या काला हो जाता है.

पांचवे से दसवें दिन: हिक्की का रंग हरा या पीला हो सकता है.

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दसवें से चौदहवें दिन: हिक्की का निशान पीला, भूरा या हल्का भूरा रंग का हो जाता है और धीरे-धीरे फीका पड़ने लगता है.

इसके कुछ दिन में हिक्की पूरी तरह गायब हो जाती है और आपकी स्किन नॉर्मल हो जाती है.

हिक्की से छुटकारा कैसे पाएं?

हिक्की के निशान बहुत जल्दी दिखने लगते हैं. शुरुआत के 5 से 10 मिनट के अंदर, त्वचा पर हल्की चोट के निशान दिखाई दे सकते हैं. हालांकि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप व्यक्ति की त्वचा को कितनी देर तक सक या बाइट करते हैं. कोई जितनी देर और ताकत से स्किन पर दबाव बनाएगा, चोट का निशान उतना ही गहरा और गहरा होगा.

हिक्की में यदि आपको सूजन और जलन महसूस हो तो पहले 1-2 दिनों तक हिक्की पर बर्फ की सिकाई कर सकते हैं. बर्फ की सिकाई करने के लिए बर्फ लें और कपड़े में लपेटकर कुछ-कुछ देर में लगभग 15 मिनट तक अपनी त्वचा पर रखें. 2 दिन बाद आप गर्म सिकाई कर सकते हैं. अगर आपकी हिक्की में सूजन या जलन नहीं है तो आप तुरंत गर्म सिकाई करें और दिन में 4 बार इसे दोहराएं. ऐसा करने से उस जगह पर ब्लड फ्लो बढ़ जाएगा और निशान हल्का हो जाएगा. यदि हिक्की में दर्द हो तो एसिटामिनोफेन जैसी ओवर-द-काउंटर दवाएं डॉक्टर की सलाह से ले सकते हैं.

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कुछ भी करने से पहले, एक साफ चम्मच लें और उसे आठ से दस मिनट के लिए अपने फ्रीजर में रख दें और फिर उससे हिक्की की सिकाई करें, इससे तुरंत आराम मिल सकता है.

जब आपकी गर्दन पर हिक्की का निशान होता है तो यदि वो किसी को दिखता है तो कोई भी असहज हो सकता है. ऐसे में यदि आप हिक्की को छिपाने के तरीके सर्च कर रहे हैं तो मेकअप, लॉन्ग नेक शर्ट या टॉप, लड़कियों के लिए दुपट्टा, ऊंची कॉलर वाली शर्ट आदि से इसे छिपा सकते हैं.

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