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Fatty liver disease: फैटी लिवर का जोखिम बढ़ाती है रात में की गई यह गलती, ऑर्गन हो सकता है खराब!

जिन लोगों की रात में नींद पूरी नहीं होती वे लोग दिन में झपकी ले लेते हैं. हाल ही में हुई रिसर्च के मुताबिक, दोपहर के समय झपकी लेने या सोने से फैटी लिवर बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है. फैटी लिवर की बीमारी दुनिया में सबसे अधिक होने वाली लिवर की बीमारी है. यह मोटापा और टाइप 2 मधुमेह जैसे मेटाबॉलिक डिसऑर्डर से हो सकती है.

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(Image credit: Getty images)
(Image credit: Getty images)

Fatty liver disease: पर्याप्त नींद लेना अच्छी हेल्थ के लिए काफी जरूरी होता है. एक्सपर्ट द्वारा सात से आठ घंटे की गहरी नींद लेने की सलाह दी जाती है. वैसे तो दोपहर के समय सोने की आदत को सेहत के लिए गलत समझा जाता है लेकिन आज के समय में कई ऐसे लोग भी हैं जो रात में पर्याप्त नींद नहीं ले पाते तो वे दोपहर के समय सो जाते हैं. जो लोग दोपहर में नींद की झपकी लेते हैं उन्हें फैटी लिवर बीमारी का खतरा बढ़ सकता है. हाल ही में हुई एक रिसर्च में यह बात साबित हुआ है. अगर आप भी दिन में सोते हैं या नेप लेते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है.

इस बीमारा का बढ़ सकता है खतरा

नई रिसर्च में चेतावनी दी गई है कि अगर कोई दिन में सोता है या झपकी लेता है तो उसे फैटी लीवर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. जो लोग दिन में 30 मिनट से अधिक समय तक सोते हैं, रात में देर से सोते हैं और खर्राटे भी लेते हैं, उन्हें हाई ब्लडप्रेशर की भी संभावना बढ़ जाती है. यह पुरानी बीमारियों का जोखिम भी फिर से बढ़ा सकता है. 

वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि दिन में सोने वाले लोगों को सिरोसिस की समस्या भी हो सकता है. इसके लिए वैज्ञानिकों ने ऐसे चीनी लोगों पर रिसर्च की जिनकी लाइफस्टाइल सही नहीं थी और जिन्हें फैटी लिवर की समस्या थी. 

शोधकर्ताओं ने पाया कि नींद की क्वालिटी या नींद की कमी से फैटी लीवर सहित कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और नींद की खराब क्वालिटी से सेहत पर गलत असर पड़ता है. यह भी पाया गया कि मोटे लोगों को खराब नींद या दिन में नींद लेने से अधिक नुकसान होता है. 

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नींद की क्वालिटी सुधारने से मिलेगा फायदा

एक्सपर्ट के मुताबिक, नींद की क्वालिटी सुधारने से पुरुषों में बीमारियों का जोखिम कम भी हो सकता है. रिसर्च के राइटर डॉ. यान लियू ने कहा, "हमारी रिसर्च में पाया गया कि नींद की गुणवत्ता में मामूली सुधार फैटी लीवर रोग के जोखिम को 29 प्रतिशत तक कम कर सकता है." 

चीन के ग्वांगझू में सन यात-सेन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने कहा, "हमारी रिसर्च इस बात का साबित करता है कि नींद की गुणवत्ता में मामूली सुधार करने से भी अनहेल्दी लाइफस्टाइल वाले लोगों में फैटी लीवर की बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है. इसलिए खराब नींद को सही करने की कोशिश की जानी चाहिए ताकि इस बीमारी से बचा जा सके. 

रिसर्चर्स ने आगे कहा, लिवर की अपनी टाइमिंग होती है. अगर आप उसके काम करने के समय को किसी भी तरह से रोकेंगे या बाधित करेंगे तो जाहिर सी बात है लिवर को नुकसान होगा ही. दरअसल, नींद की कमी लिवर के मेटाबॉलिज्म और फैट की मात्रा को बदल देता है. अगर कोई एक रात भी नहीं सोता है तो लिवर ग्लूकोज का उत्पादन करने और इंसुलिन को संसाधित करने की क्षमता खो देता है. इससे फैटी लिवर का जोखिम बढ़ जाता है. 

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सिरोसिस क्या है? (What is cirrhosis)

सिरोसिस ऐसी बीमारी है जो लिवर कैंसर के बाद सबसे अधिक होती है. जब लंबे समय से लिवर को नुकसान हो रहा हो तब लिवर सिसोसिस की स्थिति में पहुंच जाता है. इस स्थिति के लक्षण शुरुआत में नजर नहीं आते लेकिन धीरे-धीरे नजर आने लगते हैं. बाद में दिखने वाले लक्षणों में थकान महसूस होना, थका हुआ महसूस करना, पीली त्वचा, आंखें-त्वचा में खुजली और पेट में सूजन शामिल है.

 

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