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Best Type Of Roti: कौन-सी रोटी आपकी सेहत के लिए है बेस्ट? डॉ. सलीम जैदी ने बताए फायदे और नुकसान

Best Type Of Roti: डॉ. सलीम जैदी के अनुसार, हर अनाज की रोटी आपके शरीर, वजन, ब्लड शुगर और पाचन पर अलग असर डालती है. गेहूं, बाजरा, ज्वार, रागी, मक्का, चावल, चना और ओट्स की रोटियों के फायदे और नुकसान जानकर आप अपनी सेहत के अनुसार सही रोटी चुन सकते हैं.

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अलग-अलग तरह की रोटी आपके शरीर पर अलग-अलग असर डालती है. (Photo: ITG)
अलग-अलग तरह की रोटी आपके शरीर पर अलग-अलग असर डालती है. (Photo: ITG)

Best Type Of Roti: अगर आप सोचते हैं कि रोटी सिर्फ एक तरह की होती है तो आप गलत हैं. रोटी बहुत सी तरह की होती हैं और हर रोटी आपकी सेहत पर अलग असर डालती है. अगर आप सोचते हैं कि सिर्फ स्वाद या पेट भरने के लिए रोटी खाते हैं, तो आपको ये जानकर हैरानी होगी कि हर अनाज की रोटी आपकी बॉडी, वजन, ब्लड शुगर और डाइजेशन को अलग तरीके से प्रभावित करती है. आयुर्वेद और यूनानी हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. सलीम जैदी, जो राजशाही हेल्थकेयर के मुख्य चिकित्सा निदेशक हैं, ने हाल ही में बताया कि कौन-सी रोटी किस तरह आपके शरीर को फायदा या नुकसान पहुंचा सकती है. चलिए जानते हैं.

गेहूं की रोटी 
डॉ. जैदी के अनुसार, अगर आप रोजाना सिर्फ गेहूं की रोटी ही खाते हैं तो यह आपकी सेहत के लिए जोखिम पैदा कर सकता है. खासतौर पर उन लोगों के लिए जो पहले से मोटापे या शुगर की समस्या से जूझ रहे हैं. गेहूं का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बाकी अनाजों की तुलना में ज्यादा होता है, इसलिए इसे रोजाना ज्यादा मात्रा में खाने से वजन बढ़ सकता है और ब्लड शुगर अचानक बढ़ने की संभावना भी रहती है.

बाजरे की रोटी
बाजरे की रोटी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है. बाजरा स्वभाव से गर्म होता है, इसलिए इसकी रोटी खाने से शरीर की गर्मी बनी रहती है और ठंड के मौसम में शरीर को अंदर से मजबूती मिलती है. यही कारण है कि सर्दियों में बाजरे का सेवन खास तौर पर बढ़ जाता है.

इसके अलावा बाजरा आयरन, फाइबर और कई जरूरी मिनरल से भरपूर होता है. इसकी वजह से बाजरे की रोटी खून बनाने में मदद करती है और एनीमिया जैसी समस्याओं में भी फायदेमंद होती है.  सबसे अच्छी बात यह है कि बाजरे की रोटी ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने में भी काफी मददगार है. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे शुगर धीरे-धीरे रिलीज होती है और ब्लड शुगर में अचानक हाइक नहीं आता.

ज्वार की रोटी 
ज्वार की रोटी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है, खासकर उन लोगों के लिए जो पेट की समस्याओं या बढ़ते वजन से परेशान रहते हैं. ज्वार एक हल्का और आसानी से पचने वाला अनाज है, इसलिए इसे खाने से पेट पर ज्यादा भार नहीं पड़ता. यही वजह है कि ज्वार की रोटी एसिडिटी और पेट की जलन को कम करने में मदद करती है. जो लोग बार-बार खट्टी डकार, सीने में जलन या भारीपन महसूस करते हैं, उनके लिए ज्वार की रोटी एक अच्छा ऑप्शन है.

ज्वार में फाइबर की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है. फाइबर शरीर में पाचन को सुधारता है और लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है. इसकी वजह से भूख कम लगती है, जो स्वाभाविक रूप से वजन को कंट्रोल में रखने में मदद करती है. ज्वार में ग्लूटेन नहीं होता, इसलिए ग्लूटेन सेंसिटिविटी वाले लोगों के लिए भी यह रोटी सुरक्षित और लाभदायक मानी जाती है.

रागी की रोटी 
रागी की रोटी पोषण से भरपूर होती है और इसे हेल्थ के लिए सुपरफूड माना जाता है. रागी कैल्शियम का एक बेहतरीन सोर्स है, इसलिए यह हड्डियों को मजबूत बनाने में खूब मदद करती है. बढ़ते बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए रागी खासतौर पर फायदेमंद है क्योंकि ये हड्डियों को मजबूत रखते हुए बोन लॉस के खतरे को कम करती है.

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रागी में आयरन भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जिसकी वजह से यह हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करती है. जिन लोगों को एनीमिया, कमजोरी या बार-बार थकान की समस्या रहती है, उनके लिए रागी की रोटी एक बहुत अच्छा ऑप्शन है. आयरन शरीर में खून बनाने की प्रक्रिया को सुधारता है और शरीर को अंदर से ताकत देता है.

इसके अलावा रागी में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट और फाइबर होते हैं, जो शुगर को धीरे-धीरे रिलीज करते हैं. इससे लंबे समय तक एनर्जी बनी रहती है और बॉडी को ताकत व स्टैमिना मिलता है. रागी ग्लूटेन-फ्री होती है, इसलिए पेट के लिए हल्की रहती है और पाचन में भी मदद करती है.

मक्के की रोटी 
मक्के की रोटी स्वादिष्ट होती है, लेकिन हर किसी के लिए सही नहीं होती. कई लोगों में इसे खाने से पाचन धीमा हो सकता है और गैस या भारीपन की समस्या बढ़ सकती है. इसमें कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होते हैं, इसलिए बार-बार खाने पर वजन बढ़ने का खतरा भी रहता है.

डायबिटीज के मरीजों में मक्का ब्लड शुगर बढ़ा सकता है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में खाना अच्छा है. कुल मिलाकर, मक्के की रोटी जरूरी नहीं कि हानिकारक हो, लेकिन इसे अपनी सेहत के अनुसार और संतुलित मात्रा में ही खाना चाहिए.

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चावल की रोटी 
चावल की रोटी पेट के लिए हल्की होती है और आसानी से पच जाती है. इसलिए जिन लोगों को भारीपन, गैस या अपच की समस्या होती है, उनके लिए ये अच्छा ऑप्शन है. चावल में सोडियम कम होता है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहने में मदद मिलती है. खासकर हाई बीपी वाले लोगों के लिए यह रोटी काफी फायदेमंद मानी जाती है.

चने की रोटी 
डॉ. जैदी के अनुसार, चने की रोटी शुगर कंट्रोल के लिए काफी फायदेमंद है. इसमें फाइबर और प्रोटीन ज्यादा होता है, जिससे ब्लड शुगर धीरे-धीरे बढ़ता है और लंबे समय तक संतुलित रहता है.

इसके साथ ही प्रोटीन की अच्छी मात्रा होने के कारण यह मसल मास बढ़ाने में भी मदद करती है. इसलिए जिम जाने वालों या बॉडी बनाने वाले लोगों के लिए चने की रोटी एक बेहतरीन ऑप्शन है.

ओट्स की रोटी 
ओट्स की रोटी फाइबर से भरपूर होती है, इसलिए इसे खाने से वजन कंट्रोल में रहता है और लंबे समय तक भूख नहीं लगती. ये दिल की सेहत के लिए भी बहुत अच्छी मानी जाती है. ओट्स खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा घटता है और ब्लड प्रेशर भी बेहतर रहता है.

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