Air frying vs Deep frying: एयर फ्रायर में खाना पकाना आजकल एक नया ट्रेंड बन चुका है. कई एक्सपर्ट्स और इंफ्लूएंसर्स का कहना है कि एयर फ्रायर में पका हुआ खाना हेल्दी होता है लेकिन हाल ही में मुंबई के एक डॉक्टर का कहना है कि गलत तरीके से इनका इस्तेमाल करना भारी पड़ सकता है. इंस्टाग्राम पर एक वीडियो में ऑर्थोपेडिक सर्जन और स्पोर्ट्स मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. मनन वोरा ने चेतावनी दी कि हालांकि एयर फ्रायर में तेल का उपयोग बहुत कम होता है और कुछ हानिकारक यौगिकों की मात्रा कम हो जाती है लेकिन वे अनगहेल्दी फूड्स को हेल्दी नहीं बना देंगे. तो आइए डॉक्टर की एयर फ्रायर के बारे में क्या राय है, इस बारे में जान लेते हैं.
क्या कहते हैं डॉ. मनन वोरा?
डॉ. मनन ने इंस्टाग्राम वीडियो में बताया, 'एयर फ्रायर को सेहतमंद माना जाता है और इसके पीछे एक वजह है. वो वजह है कि डीप फ्राइंग की तुलना में इसमें 70-90 प्रतिशत कम तेल का इस्तेमाल होता है जिससे कैलोरी और फैट की मात्रा काफी कम हो जाती है. साथ ही इनमें तेल को बार-बार गर्म करने की जरूरत नहीं पड़ती.'
'एक अन्य फायदा ये भी है कि इससे एक्रिलामाइड बनने काफी कम हो जाते हैं जो एक संभावित कैंसर पैदा करने वाला कंपाउंड है और स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों को बहुत अधिक तापमान पर पकाने पर बनता है. फूड सेफ्टी रिसर्च, फूड केमिस्ट्री और क्रिटिकल रिव्यूज इन फूड साइंस एंड न्यूट्रिशन जैसी मैग्जीन में भी इस बारे में बताया गया है.'
एयर फ्राइंग, डीप फ्राइंग से बेहतर
डॉ. मनन वोरा के अनुसार, 'एयर फ्रायर डीप फ्राइंग से बेहतर हो सकता है जिससे सेहत को नुकसान कम होगा.' मेडिकल साइंस की दृष्टि से नुकसान कम करने का मतलब है कि कम हानिकारक तरीके को चुनना ना कि हानिरहित तरीका अपनना.'
'एयर फ्रायर तब मददगार होते हैं जब आप पहले से ही बैलेंस भोजन कर रहे हैं. अब यदि आप प्रोसेस्ड, स्टार्च युक्त और अधिक नमक वाले भोजन कर रहे हैं तो एयर फ्रायर कुछ नहीं करेगा.'
एयर फ्राइंग और जंक फूड
डॉ. वोरा के अनुसार, 'मोमोज, चिकन नगेट्स, फ्राइज या पनीर टिक्का जैसे अधिक प्रोसेस्ड फूड्स को एयर फ्रायर में कुक करने से उनकी न्यूट्रिशन प्रोफाइल नहीं सुधर जाती. प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट, प्रिजर्वेटिव, हाई सोडियम की मात्रा उनमें जैसी की तैसी ही बनी रहेगी.'
'रिसर्च में बार-बार यह पाया गया है कि अधिक प्रोसेस्ड फूड्स को भले ही कैसे भी पकाया जाए, उनसे मोटापा, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर और हार्ट संबंधी समस्याएं आती ही हैं.'
एयर फ्रायर और उसके भ्रम
'एयर फ्रायर इसलिए फेमस हुए हैं क्योंकि इसे पकाने का तरीका कम नुकसानदायक है. चूंकि यह डिवाइस डीप फ्राइंग की तुलना में अधिक हेल्दी है इसलिए लोग मान लेते हैं कि इसमें पकाया गया हर खाना हेल्दी होगा अब भले ही वो कोई भी जंक फूड हो.'
'लोगों का यह भ्रम उन्हें अधिक भोजन खाने, बार-बार स्नैक्स खाने और प्रोसेस्ड रेडीमेड चीजों पर अधिक निर्भर होने का कारण बनता है जिससे उनकी सेहत खराब होती है. लोगों की यही सोच उन्हें वजन घटाने से रोक सकती है और मेटाबॉलिक डिसऑर्डर का कारण बन सकती है.'
एयर फ्रायर कब फायदेमंद साबित होता है?
डॉ. वोरा के अनुसार, एयर फ्रायर का उपयोग तब फायदेमंद हो सकता है जब आप होल फूड खाते हों, बैलेंस मील लेते हों, कम फैट खाते हों, प्रोटीन अच्छा लेते हों, फाइबर वाले सब्जियां खाते हों और कम से कम प्रोसेस्ड फूड खाते हों.'
'भुनी हुई सब्जियां, ग्रिल्ड मछली, पनीर, टोफू, अंडे, दालें या कम नमक और फैट वाले घर के बने स्नैक्स को एयर फ्रायर में बना सकते हैं.'
एयर फ्रायर कब हानिकारक हो सकता है?
डॉ. वोरा के अनुसार, 'जब एयर फ्रायर ऐसी जंक फूड मशीन बन जाता है जिससे आपको लगने लगता है कि जंक फूड को एयर फ्रायर में बनाकर खाने से सेहत को नुकसान नहीं होगा. बार-बार एयर-फ्राइड फ्रोजन स्नैक्स खाना, जरूरत से ज्यादा मात्रा में भोजन खाना और यह मानना कि खाना पकाने का तरीका ही हेल्दी है तो सेहत क्यों खराब होगी. ये सारे तरीके एयर फ्रायर के नुकसान में आते हैं.'
डॉ. वोरा जोर देते हैं, एयर फ्रायर के रिजल्ट इस बात पर डिपेंड करेंगे कि आप क्या खाते हैं, कितना खाते हैं और कितनी बार खाते हैं.