जिंदगी की लूट गई लड़ी, जी हां बॉलीवुड को अपने गीतों से सजाने वाले संतोष आनंद उम्र के 75वें पड़ाव पर टूट चुके हैं, बिखर चुके हैं. आज उनकी आंखों से दर्द का दरिया बह रहा है. संतोष आनंद ने फिल्म क्रांति के लिए एक गीत लिखा था, ज़िंदगी की ना टूटे लड़ी, लेकिन आज उनकी खुद की ज़िंदगी लड़ी टूट गई है.
santosh anand son commits suicide