लखनऊ में अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर पुलिस नें जमकर लाठियां भांजी. एबीवीपी के कार्यकर्ता यूपी की शिक्षा व्यवस्था में मौजूद अराजकता और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे. एबीवीपी के कार्यकर्ता विधानसभा की ओर बढ़े तो पुलिस ने उनको रोकने की कोशिश की. इसके बाद कार्यकर्ताओं नें पुलिस पर पथराव कर दिया. इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
पुलिस द्धारा किए गये लाठीचार्ज में दर्जनों कार्यकर्ता घायल हुए. कुछ पुलिस वालों को चोटें भी आई. पुलिस ने लगभग 100 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया. एबीवीपी के कार्यकर्ता अपनी तीस-सूत्री मांगों को लेकर जैसे विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव कराने, शिक्षा व्यवस्था में सुधार, भ्रष्टाचार का खात्मा और राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में खाली पदों पर जल्द से जल्द शिक्षकों की भर्ती के अलावा लैपटाप के वितरण में किये जा रहे कथित भेदभाव के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
एबीवीपी के संयोजक राकेश ने कहा, ‘पूरे प्रदेश का छात्र आंदोलित है, छात्रों ने विभिन्न जगहों पर आंदोलन चलाया है. आज लखनऊ में हजारों छात्र एकत्र हुए जो सरकार छात्रों की रहनुमा बताती है, इस समय शिक्षा व्यवस्था बेहाल है. शिक्षा व्यवस्था ने जिस तरह अल्पसंख्यक तुष्टिकरण किया है इन्होंने उसको चेताने के लिये हजारों छात्र एकत्र हुये थे. अखिलेश सरकार ने बात सुनने की बजाए बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया. सादे वर्दी में पुलिस वालों ने गुंडों को घुसवाकर पत्थरबाजी कराया. दर्जनों छात्र घायल हुए और सैकड़ों छात्रों की गिरफ्तारी हुई है.’
पुलिस ने कहा, ‘एबीवीपी परिषद ने एक कार्यक्रम घोषित किया था. जिनमें शिक्षा संबंधी मांगें थीं. चारबाग से एकत्र होकर जूलूस के रूप में विधानसभा तक आये और यहां आने के बाद धरना प्रदर्शन करने की बजाए एकाएक उग्र हुए और विधानसभा के मेनगेट की तरफ बढ़ने लगे और गेट के अंदर घुसने का प्रयास करने लगे इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिक की. तब पुलिसवालों और छात्रों के बीच धक्का मुक्की हुई और इसके बाद इन लोगों ने पत्थर चलाए और जो झंडे में लगे डंडे भी चलाए. उस पर हम लोगों ने हल्का फुल्का बल प्रयोग करके खदेड़ दिया.’