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वादाखिलाफी बनी अजहर की यूपी छोड़ने की वजह

मुरादाबाद से कांग्रेसी सांसद और पूर्व क्रिकेट कप्तान अजहरुद्दीन जनता से वादा खिलाफी की वजह से ही पश्चिमी बंगाल पलायन करने को मजबूर हुए हैं. चुनाव लड़ने के बाद क्षेत्र से लगातार दूरी बढ़ाने की वजह से उन्हें पार्टी भी यहां से लड़ाने के पक्ष में नहीं है.

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अजहरुद्दीन
अजहरुद्दीन

मुरादाबाद से कांग्रेसी सांसद और पूर्व क्रिकेट कप्तान अजहरुद्दीन जनता से वादा खिलाफी की वजह से ही पश्चिमी बंगाल पलायन करने को मजबूर हुए हैं. चुनाव लड़ने के बाद क्षेत्र से लगातार दूरी बढ़ाने की वजह से उन्हें पार्टी भी यहां से लड़ाने के पक्ष में नहीं है.

वर्ष 2009 में अजहरुद्दीन को सांसद चुनने के पीछे जनता की मंशा सिर्फ विकास की रही. उन्होंने चुनाव प्रचार में क्षेत्र का अभूतपूर्व विकास कराने का वादा किया था. चुनाव परिणाम आने पर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने से क्षेत्रवासियों की उम्मीदों को पंख भी लग गए, लेकिन अजहरुद्दीन ने उम्मीदों के विपरीत क्षेत्र से दूरी बनानी शुरू कर दी.

क्रिकेट स्टेडियम, गोविंद नगर अंडरपास, लोकोशेड पुल के चौड़ीकरण सहित तमाम विकास कार्यों को लेकर जहां वह आश्वासन की राजनीति ही करते रहे, वहीं उन्होंने जनता से भी दूरी बना ली. कभी-कभार वह क्षेत्र के दौरे पर भी आए तो चुनिंदा लोगों के बीच ही घिरे रहे. लिहाजा जनता के लिए वह बेगाने ही हो गए. कई बार उनके खिलाफ प्रदर्शन भी किए गए, पार्टी नेताओं ने भी हाईकमान तक सांसद की क्षेत्र के प्रति बेरुखी को दमदार तरीके से रखा. फिर भी नतीजा सिफर ही रहा.

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बीते दिनों कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर जब केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने जिले के पार्टी पदाधिकारियों की बैठक ली तो वहां भी पदाधिकारियों ने सांसद के प्रति नाराजगी को जोरशोर से रखा. लगातार निगेटिव रिपोर्ट पर पार्टी नेतृत्व ने दुबारा अजहर को आजमाने का इरादा छोड़ दिया. बीते दिनों जब संसदीय क्षेत्र से दावेदारों का पैनल नेतृत्व को भेजा गया, उसमें मौजूदा सांसद होने के बाद भी अजहरुद्दीन का नाम शामिल नहीं किया गया.

सेलिब्रिटी होने की वजह से पार्टी उन्हें दूसरी जगह से चुनाव लड़ाने का मन बना रही है. मंगलवार को सांसद अजहर ने पश्चिम बंगाल से लड़ने का इरादा जाहिर कर खुद ही पार्टी नेतृत्व के यहां से न लड़ाने के निर्णय पर मुहर लगा दी. अजहरुद्दीन की सियासी जमीं पर कब्जा जया प्रदा करेंगी अथवा नूरबानो व राशिद अल्वी. टिकट को लेकर कांग्रेस में सियासी गोटियां बिछनी शुरू हो गई हैं. दावेदारों ने केंद्रीय स्तर तक प्रयास तेज कर दिए हैं.

रामपुर की सांसद जया प्रदा के लंबे अरसे से कांग्रेस में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं. कांग्रेस में भी गंभीरता से उन्हें लेकर मंथन चल रहा है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक नेतृत्व उन्हें मुरादाबाद से भी लड़ाने पर विचार कर रहा है. इसके अलावा रामपुर की पूर्व सांसद बेगम नूरबानो ने भी मुरादाबाद से दावेदारी की है, वहीं राज्यसभा सदस्य राशिद अल्वी भी मुरादाबाद से लड़ने को लेकर गोटियां बिछा रहे हैं.

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