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बीटी बैंगन के मुद्दे पर रमेश के समक्ष फिर घेराव प्रदर्शन

बीटी बैंगन को देश में मंजूरी दिये जाने के सवाल पर केंद्रीय पर्यावरण व वन राज्यमंत्री जयराम रमेश को रविवार को घेराव का सामना करना पड़ा. रमेश देश में आनुवांशिक संवर्धित (जीएम) या बीटी बैंगन की वाणिज्यिक खेती को मंजूरी दिए जाने के सवाल पर देश भर में विचार विमर्श कर रहे हैं.

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बीटी बैंगन को देश में मंजूरी दिये जाने के सवाल पर केंद्रीय पर्यावरण व वन राज्यमंत्री जयराम रमेश को रविवार को घेराव का सामना करना पड़ा. रमेश देश में आनुवांशिक संवर्धित (जीएम) या बीटी बैंगन की वाणिज्यिक खेती को मंजूरी दिए जाने के सवाल पर देश भर में विचार विमर्श कर रहे हैं.

इस सिलसिले में रविवार को उनका राष्ट्रीय शुष्क भूमि अनुसंधान संस्थान (सीआरआईडीए) में कार्यक्रम था. स्वदेशी जागरण मंच तथा वाम दलों से सम्बद्ध किसान मंच पर पहुंच गए और कार्यक्रम को बाधित किया. विरोध करने वाले रमेश का घेराव किया और 'बीटी वापस जाओ' के नारे लगाए. मंत्री ने लोगों से शांत होने की अपील की लेकिन किसी ने नहीं सुनी.

इस दौरान बीटी बैंगन का समर्थन कर रहे कार्यकर्ताओं ने भी नारेबाजी की और माहौल शोरगुल वाला हो गया. रमेश ने बैठक रद्द करने से इनकार किया और कहा कि वे सभी की बात सुनेंगे. उन्होंने कहा कि वे किसी एनजीओ या कंपनी के दबाव में नहीं आएंगे और इस मुद्दे पर तटस्थ बातचीत करना चाहते हैं. बाद में माहौल शांत होने पर बैठक सुचारू हुई. बीटी बैगन को अनुमति देने के मुद्दे पर सभी पक्षों की राय जानने के लिए रमेश जगह जगह ऐसी बैठकें कर रहे हैं.

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नागपुर, कोलकाता और चंडीगढ़ में भी उन्हें विरोधप्रदर्शनों का सामना करना पड़ा था. वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की जैव प्रौद्योगिकी मंजूरी समिति ने की वाणिज्यिक खेती की अनुमति दिए जाने का अनुमोदन किया है. अब मामला सरकार के हाथ में. यदि ऐसा होता है तो जीएम बैगन देश में मानव उपभोग के लिए स्वीकृत आनुवांशिक रूप से संशोधित (जीएम) पहली फसल होगी.

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