कोरोना वायरस के चलते पहली बार अफसर बनने वाले जेंटलमैन कैडेट के परिवार इस समारोह में शामिल नहीं होंगे. परिजन पासिंग आउट परेड और पिपिंग सेरेमनी को टीवी के जरिए ही देख पाएंगे. स्पेशल कमीशन ऑफिसर कोर्स के 17 जेंटलमैन कैडेट भारतीय सेना में अफसर के तौर पर कमीशन होंगे, तो वहीं 69 जेंटलमैन कैडेट टेक्निकल एंट्री स्कीम के तहत पास आउट होंगे और 3 साल की इंजीनियरिंग ट्रेंनिग के बाद कमीशन होंगे.
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस बार भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड का पूरा कार्यक्रम बेहद सादगीपूर्ण तरीके से हो रहा है. अकादमी प्रबंधन ने 13 जून को पीओपी आयोजित करने का निर्णय लिया है. जून के दूसरे शनिवार को अकादमी में आयोजित होने वाली पीओपी में गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कोविड-19 के संदर्भ में जारी एडवाइजरी का पूरा पालन किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: लद्दाख में पीछे हटी चीनी सेना, गलवान नदी से बोट भी हटाए, फिर होगी की बातचीत
पासिंग आउट परेड में शिरकत कर देश-विदेश के लगभग चार सौ कैडेट पास आउट होकर अपने-अपने देश की सेना का अभिन्न अंग बनेंगे. देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में देश-विदेश के जेंटलमैन कैडेट प्री-मिलिट्री ट्रेनिंग प्राप्त करते हैं. अकादमी से अब तक देश-विदेश की सेनाओं को 62 हजार 139 युवा अफसर मिल चुके हैं. इनमें मित्र देशों को मिले 2413 युवा अफसर भी शामिल हैं. वर्तमान में अकादमी में भारत के अलावा अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, मालदीव, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फिजी आदि मित्र देशों के भी सौ से अधिक जेंटलमैन कैडेट सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं.