कांग्रेस नेता पवनराजे निम्बालकर हत्याकांड में सत्र अदालत ने शनिवार को राकांपा सांसद पदमसिंह पाटिल को जमानत देने से इंकार कर दिया. अदालत ने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वन्द्विता को लोगों की हत्या करने का जरिया नहीं बनाया जा सकता है.
पाटिल की याचिका को खारिज करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरविंद काले ने कहा कि गिरफ्तार सांसद के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बना है और जांच का कार्य महत्वपूर्ण चरण में है. उन्होंने कहा ‘‘मैं पाटिल की उस दलील को स्वीकार करता हूं कि वह समाज के सम्मानित व्यक्ति हैं और महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का सदस्य रहने के अलावा अब एक सांसद भी हैं.’’
उन्होंने कहा ‘‘मैं इस बात से भी सहमत हूं कि अगर उन्हें जमानत दी जाए तो वह फरार नहीं होंगे लेकिन फिर भी मैं महसूस करता हूं कि अगर उन्हें छूट दी गई तो जांच की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होने की संभावना है.’’ पटिल के वकील ने शिरीष गुप्ते ने कहा कि सत्र न्यायालय के जमानत की अर्जी खारिज करने के खिलाफ वह अपील दायर कर सकते हैं. गौरतलब है कि 6 जून को गिरफ्तार होने के बाद पाटिल ने पहली बार जमानत की अर्जी पेश की थी. इससे पहले गुप्ते ने दलील दी थी कि पाटिल को महज एक अन्य आरोपी के बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया था.