scorecardresearch
 

मणिपुर: राज्यसभा चुनाव के बीच कांग्रेस का रिवर्स ऑपरेशन लोटस, BJP सरकार पर संकट

मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार से उप मुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार सिंह सहित कुल 9 विधायकों ने नाता तोड़ लिया है. कांग्रेस के रिवर्स ऑपरेशन लोटस से बीजेपी को मणिपुर की सत्ता गंवाने के साथ-साथ शुक्रवार को राज्यसभा सीट पर होने वाले चुनाव में शिकस्त भी खानी पड़ सकती है.

Advertisement
X
मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह
मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह

  • मणिपुर में सत्ता का सियासी समीकरण गड़बड़ाया
  • एक राज्यसभा सीट पर बीजेपी का बिगड़ा गणित

गुजरात और मध्य प्रदेश में कांग्रेस का सियासी खेल बिगाड़ने वाली बीजेपी का मणिपुर में राजनीतिक समीकरण गड़बड़ा गया है. मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार से उप मुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार सिंह सहित कुल 9 विधायकों ने नाता तोड़ लिया है. कांग्रेस के रिवर्स ऑपरेशन लोटस से बीजेपी को मणिपुर की सत्ता गंवाने के साथ-साथ शुक्रवार को राज्यसभा सीट पर होने वाले चुनाव में शिकस्त भी खानी पड़ सकती है.

बता दें कि 2017 के चुनाव के बाद मणिपुर में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति सामने आई थी. 28 विधायकों के साथ कांग्रेस नंबर वन पार्टी बनकर उभरी थी जबकि बीजेपी के 21 विधायक जीतकर आए थे. लेकिन, बीजेपी ने सभी गैर कांग्रेसी विधायकों को अपने पाले में लाकर सरकार बनाने में सफल रही थी.

Advertisement

ये भी पढ़ें: देश के 8 राज्यों की 19 राज्यसभा सीटों का गणित, BJP ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल!

बीजेपी ने नागा पीपुल्स फ्रंट के 4, एनपीपी के 4, टीएमसी के 1, एलजेपी के 1 और एक निर्दलीय विधायक के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. बीजेपी ने सत्ता की कमान एन बीरेन सिंह को सौंपी थी. बीजेपी ने एनपीपी के चारों विधायकों को मंत्री बनाया था, जिनमें वाई जॉय कुमार सिंह को डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी.

राज्यसभा चुनाव का बिगड़ा सियासी गणित

मणिपुर की एक राज्यसभा सीट पर 19 जून को चुनाव होने हैं. एक राज्यसभा सीट पर तीन प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें बीजेपी से तितुलर किंग महाराजा संजाओबा लिसीम्बा, कांग्रेस से पूर्व मंत्री टोंगब्रम मंगिबाबू और नगा पीपुल्स फ्रंट होनरीकुई काशुंग के बीच मुकाबला है. वोटिंग से एक दिन पहले कांग्रेस ने मणिपुर में बीजेपी का समीकरण बिगाड़ दिया है. एनपीपी को साधने के साथ-साथ बीजेपी में भी सेंधमारी करने में कांग्रेस सफल रही है. इससे सरकार के साथ-साथ राज्यसभा चुनाव में बीजेपी का गणित बिगड़ता नजर आ रहा.

ये भी पढ़ें: मणिपुर में खतरे में BJP की गठबंधन सरकार, 3 विधायक कांग्रेस में शामिल

मणिपुर में बुधवार को बीजेपी के तीन विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. इनमें से एक विधायक ने अपनी विधानसभा सदस्या से इस्तीफा दे दिया है. इसके अलावा बीजेपी की सहयोगी दल एनपीपी, टीएमएसी और निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. इसके बाद कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सरकार अल्पमत में आ गई है. वहीं, कांग्रेस सरकार बनाने की जोड़तोड़ में जुट गई है.

Advertisement

मणिपुर के सत्ता का सियासी समीकरण

मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में मौजूदा समय कुल 59 विधायक हैं. कांग्रेस से बीजेपी में जाने पर श्याम कुमार सिंह नामक एक विधायक अयोग्य करार दिए जा चुके हैं, जिनकी सीट रिक्त हैं. इसके अलावा कांग्रेस से बीजेपी में जाने वाले 7 विधायका का मामला दल बदल के तहत अभी स्पीकर और हाई कोर्ट में है. इस तरह से कांग्रेस के पास 20 विधायक हैं. वहीं, बीजेपी के 21 विधायक जीतकर आए थे, जिनमें से 3 ने नाता तोड़ लिया है. जिसके बाद उसकी संख्या 18 हो गई है.

कांग्रेस का फिलहाल आंकड़ा अपने 20 विधायकों के साथ एनपीपी के चार, एक टीएमएसी और एक निर्दलीय के साथ-साथ बीजेपी के दो विधायकों की संख्या को जोड़ लेते हैं, तो 28 पहुंचता है. वहीं, बीजेपी के 18, नगा पीपुल्स फ्रंट के चार विधायक और लोजपा का एक विधायक बीरेन सिंह के साथ हैं. इस तरह बीजेपी के समर्थक विधायकों की कुल संख्या 23 पर पहुंचती है. इस तरह से मणिपुर की सत्ता का संग्राम काफी दिलचस्प हो गया है.

गवर्नर के पाले में गेंद

राज्य के राजनीतिक हालातों को देखकर कांग्रेस आज सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है. माना जा रहा है कि कांग्रेस ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. वहीं, राज्य में जारी सियासी संकट के बीच पूरा दारोमदार राज्य की राज्यपाल नजमा हेपतुल्लाह पर आ गई है. अब देखना यह है कि राज्यपाल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करती है या कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए बुलाती हैं.

Advertisement
Advertisement