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कश्मीर में लश्‍कर के निशाने पर नेता और अलगाववादी

जम्मू-कश्मीर में ऐसी खुफिया सूचनाएं मिलने के बाद सुरक्षा प्रबंध चाक चौबंद कर दिये गये हैं कि पाकिस्तान स्थित लश्कर तैयबा राजनेता या शीर्ष अलगाववादी नेता की हत्या सहित राज्य में आतंकवादी हमले की योजना बना रहा है.

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जम्मू-कश्मीर में ऐसी खुफिया सूचनाएं मिलने के बाद सुरक्षा प्रबंध चाक चौबंद कर दिये गये हैं कि पाकिस्तान स्थित लश्कर तैयबा राजनेता या शीर्ष अलगाववादी नेता की हत्या सहित राज्य में आतंकवादी हमले की योजना बना रहा है.

सुरक्षा प्रतिष्ठानों के सूत्रों ने बताया कि कुछ खुफिया सूचनाएं एकत्र की गयी हैं. इनके अनुसार घाटी के लश्कर कमांडरों को सीमा पार से जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले करने के निर्देश मिल रहे हैं. इनमें किसी राजनेता या अलगाववादी नेता को निशाना बनाना शामिल है.

सूत्रों ने बताया कि महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के आसपास सुरक्षा प्रबंध कड़े कर दिये गये हैं. सभी राजनेताओं और महत्वपूर्ण अलगाववादी नेताओं को दी जाने वाली सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है. सूत्रों ने कहा कि लश्कर किसी अलगाववादी नेता को निशाना बना सकता है और उसके लिए सुरक्षा बलों पर दोष डाल सकता है जैसा कि पूर्व में किया गया.

मीरवायज फारूक, अब्दुल गनी लोन की हत्या और इस साल के शुरू में फजल हक कुरैशी पर हुआ कातिलाना हमला आतंकवादियों की रणनीति के उदाहरण हैं. मीरवायज फारूक और अब्दुल गनी लोन की कथित तौर हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या की थी.

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मीरवायज उमर फारूक को राज्य सरकार की ओर से जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करायी गयी है तथा उन्हें खतरे के बारे में जानकारी दी गयी है जबकि अन्य अलगाववादी नेताओं को 24 घंटे के लिए सुरक्षा कर्मी मुहैया कराये गये हैं.

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