पुरानी परंपराओं को तोड़कर कश्मीर में लड़कियों के पहले रॉक बैंड बनाने वाले समूह को समाज के कुछ रूढ़िवादी लोग धमकियां दे रहे हैं और अपशब्द कह रहे हैं.
बैंड में शामिल किशोरियां गत वर्ष दिसम्बर में प्रकाश में आयीं जब उन्होंने यहां पर वाषिर्क ‘बैटल आफ द बैंड्स’ मुकाबले में अपनी प्रस्तुति दी. उसके बाद से ही उन्हें धमकियां और उटपटांग टिप्पणियां सुनने को मिल रही हैं. इसके बाद किशोरियों के अभिभावक इतने चिंतित हुए कि उन्होंने लड़कियों को सुखिर्यों में नहीं आने की सलाह दी.
घाटी में वर्तमान समय में दर्जनों लोकप्रिय बैंड हैं. गायक गिटारवादक नोमा नजीर, ड्रमर फराह दीबा और गिटारवादक अनीका खालिद (सभी कक्षा दस की छात्राएं) ने अपना रॉक बैंड ‘प्रगाश’ बनाया और अपने पहले ही सार्वजनिक प्रस्तुति में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पुरस्कार जीत लिया.
बैंड की लड़कियां संगीत अकादमी ‘बैंड इन’ में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. उसके मालिक ने कहा, ‘बैंड के 26 दिसम्बर को सार्वजनिक प्रस्तुति देने के बाद उसकी सदस्य लड़कियों के खिलाफ दुष्प्रचार शुरू किया गया है.’ उन्होंने कहा कि ऐसे अभियान के पीछे कुछ ऐसे लोग हैं जो घाटी में इन किशोरियों के आगे बढ़ने से खुश नहीं हैं.
रॉक बैंड को उमर ने किया समर्थन
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर में लड़कियों के पहले रॉक बैंड का समर्थन किया है. उमर ने मामले की पुलिस जांच का वादा किया और आशा जतायी कि प्रतिभाशाली किशोरियां ‘कुछ मुट्ठीभर मूखरें’ के चलते चुप नहीं बैठेंगी.’
मुख्यमंत्री उमर ने कहा कि यह बहुत ही शर्म की बात है कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की मांग करने वाले लोग इस मंच का इस्तेमाल उन लड़कियों को धमकी देने के लिए कर रहे हैं जो कक्षा दस की छात्राएं हैं. उन्होंने कहा, ‘पुलिस उन्हें दी गई धमकियों की जांच करेगी और यह देखेगी रॉक बैंड को धमकियां देने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कानून के किस प्रावधान का इस्तेमाल किया जा सकता है.’ उमर ने कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि ये प्रतिभाशाली लड़कियां मुट्ठी भर मूर्खों के चलते चुप नहीं होंगी.