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मिसाइल व्हीकल का सफल प्रक्षेपण, भविष्य की तकनीक में करेगा मदद

भविष्य के मिशन में कई तकनीकों के इस्तेमाल में इस प्रक्षेपण की अहम भूमिका होगी. इसका प्रक्षेपण बालासोर के तट से दूर अग्नि श्रृंखला की मिसाइल का उपयोग करके किया गया.

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प्रौद्योगिकी प्रदर्शक मिसाइल व्हीकल का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण
प्रौद्योगिकी प्रदर्शक मिसाइल व्हीकल का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण

अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में भारत लगातार इतिहास रच रहा है. बुधवार को भी एक नया कीर्तिमान रचा गया. भारत ने बुधवार को प्रौद्योगिकी प्रदर्शक मिसाइल व्हीकल का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया. भविष्य के मिशन में कई तकनीकों के इस्तेमाल में इस प्रक्षेपण की अहम भूमिका होगी. इसका प्रक्षेपण बालासोर के तट से दूर अग्नि श्रृंखला की मिसाइल का उपयोग करके किया गया.

भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने भविष्य में कई मिशनों को अंजाम देने वाले एक महत्वपूर्ण टेक्नॉलॉजिकल डिमॉन्सट्रेटर मिसाइल व्हीकल को लॉन्च किया. यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और सचिव संजय मित्रा की मौजूदगी में किया गया है.

आपको बता दें कि ये मिसाइल अग्नि श्रृंखला से जुड़ी है. भारत सरकार की तरफ से लगातार DRDO और ISRO के क्षेत्र में ताकत बढ़ाई जा रही है. बीते दिनों में ऐसे कई इतिहास रचे गए हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष की दुनिया में कीर्तिमान स्थापित किए हैं.

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ISRO अब दुनिया की उन अंतरिक्ष संस्थानों में शामिल हो गया है, जो ना सिर्फ अपने देश बल्कि दूसरे देशों के भी मिशनों को कामयाब कर रहा है. तो वहीं अगर बात DRDO की करें तो वह भी नई-नई तकनीकों के जरिए विश्व को चौंकाने में लगा है.

ISRO के तर्ज पर ही अब भारत DSRO बनाने की तैयारी में है. दरअसल, ‘मिशन शक्ति’ यानी वह परीक्षण जिसमें भारत ने अंतरिक्ष में उपग्रह को एसेट रॉकेट से मार गिराया था. इसके बाद भारत को वो ताकत मिली है, जिसके जरिए वह अंतरिक्ष में सुरक्षा के लिए अलग एजेंसी बना सकती है. इसी के तहत रक्षा अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी (DSRO) बनाया जा रहा है.

विस्तार में पढ़ें... अंतरिक्ष में युद्ध की तैयारी के लिए मोदी सरकार ने बनाई नई एजेंसी DSRO

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