निजामुद्दीन मरकज की घटना का हवाला देते हुए इमाम एसोसिएशन ने आरएसएस-बीजेपी पर भी निशाना साधा. साथ ही उनकी कार्रवाइयों को इस्लाम के खिलाफ प्रोपेगंडा बताया. एसोसिएशन ने आरएसएस-बीजेपी को हिन्दुत्व से अलग कर देखने के लिए कहा है.
एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि "ये राम राज्य या हिन्दू राष्ट्र की नींव नहीं है बल्कि मुस्लिम विरोधी भावना का सालाना जश्न आरएसएस-बीजेपी का सालाना धर्म है."
बंगाल इमाम एसोसिएशन ने आगे कहा कि "बीजेपी-आरएसएस के जो सहयोगी हैं वो खुद को 'सही' करें अन्यथा ये उनकी मुस्लिम के तौर पर पहचान को खत्म कर देगा. बंगाल इमाम एसोसिएशन, बाबरी मस्जिद के विध्वंस और मंदिर के निर्माण के खिलाफ खड़ा है."
मुनव्वर राना बोले- राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नहीं मिला न्याय
एसोसिएशन ने दोहराया कि आरएसएस-बीजेपी के साथ उनकी "लड़ाई" जारी रहेगी.
मोहम्मद याहिया
एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद याहिया ने कहा, "यह उन मुसलमानों को चेतावनी देना है जो आरएसएस-बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं. उन्हें अब यह तय करना चाहिए कि वे आने वाले दिनों में किसे समर्थन देना चाहते हैं. यह कोई फतवा नहीं है, लेकिन उन्हें यह समझने की जरूरत है कि वे उन्हें मदद कर रहे हैं जो मुसलमानों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं."
एसोसिएशन की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की गई. बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से संसद में प्रवेश करने के दौरान संविधान के सामने झुकने और उसके बाद भूमि पूजन में बैठने पर सवाल उठाया.
अयोध्या में बाबर के नाम पर नहीं बनेगी मस्जिद, CM योगी को निमंत्रण पर भी फैसला
बयान में कहा गया कि संविधान मे जो लिखा है, उसका मखौल बनाया गया है, ये किसी भी लोकतांत्रिक देश में कल्पना से परे है. एसोसिएशन ने आरएसएस के बयान वाले पत्र को निहित स्वार्थों की ओर से उकसावा करार दिया.
जिष्णु बसु
SC में याचिका- अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के ट्रस्ट में सरकारी नुमाइंदगी भी हो
बसु ने कहा कि “पश्चिम बंगाल में आम मुसलमान ये सब पसंद नहीं करते. वे अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा, अपने युवाओं के लिए रोजगार और समुदाय की समग्र समृद्धि चाहेंगे, जो ये राजनीतिक ताकतें देने में विफल रहीं. इसलिए मुझे लगता है कि इस बार मुस्लिम समुदाय साजिश को समझेगा और उसे नाकाम करने के लिए कदम उठाएगा.”