एम्स के डॉक्टरों ने मंगलवार को कहा कि यदि दो साल की फलक की हालत में अगले कुछ दिन में सुधार दिखाई देता है तो उसे आईसीयू से बाहर निकाला जा सकता है. फलक को पिछले 42 दिन से आईसीयू में रखा गया है. फलक की देखभाल कर रहे डॉ दीपक अग्रवाल ने कहा, ‘अगले दो तीन दिन में हम उसे वार्ड में भेज सकते हैं. सबकुछ उसकी सांस लेने की स्थिति पर निर्भर करेगा. यदि वह खुद से बिना वेंटिलेटर के सांस ले सकी तो अगले दो से तीन दिन में उसे आईसीयू से बाहर निकाला जा सकता है.’ पिछले 42 दिन से आईसीयू में भर्ती बच्ची के अंगों में अंतत: हलचल दिखाई देने लगी है और वह खुद आंशिक तौर पर आंखें खोल रही है. उन्होंने कहा, ‘वह अभी गंभीर है क्योंकि कृत्रिम श्वसन पर निर्भर है. हालांकि सोमवार से हमने उसे कई बार वेंटिलेटर पर रखा है और हटाया है.’ फलक को गंभीर चोटों के साथ 18 जनवरी को अस्पताल लाया गया था. अस्पताल में उसकी अब तक पांच सर्जरी की जा चुकी हैं. डॉ. अग्रवाल के अनुसार उसके मस्तिष्क में लगी चोट की प्रकृति के कारण वह पूरी जिंदगी मानसिक रूप से कमजोर रह सकती है. फलक की हालत को देखते हुए भारत के साथ अमेरिका और कनाडा के लोगों ने डॉक्टरों से संपर्क साधा है और उसे गोद लेने की इच्छा जताई है.