मंगल की सतह पर पहुंचने का यूरोप का दूसरा प्रयास मुश्किलों में घिर गया है. शुरुआती संकेत ऐसे मिले हैं कि उसका यान किसी दुर्घटना की भेंट चढ़ गया है. हालांकि, इस बारे में जांच की जारी है और आखिरी रिजल्ट का इंतजार है. वहीं, यूरोप की मंगल पर उतरने की 13 वर्ष पहले की गई पहली कोशिश भी असफल रही थी.
उम्मीद बरकरार रखते हुए जमीन पर मौजूद कंट्रोलर ने कहा कि ऐसा लगता है कि छोटे बच्चों के खेलने के लिए बने पैडलिंग पूल जितने आकार वाले इस यान का पैराशूट बहुत जल्द खुल गया और इसके थ्रस्टर भी जल्द ही बंद हो गए.
यान कोई संकेत नहीं दे रहा
इय 'शियापारेल्ली' यान को मंगल पर अंतरराष्ट्रीय समय के मुताबिक कल दोपहर दो बजकर 48 मिनट पर उतरना था. यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) ने कुछ ही घंटों बाद विमान के मंगल पर उतरने की पुष्टि की, लेकिन साथ ही कहा कि यान कोई संकेत नहीं दे रहा है. इसी वजह से अभियान के असफल होने की आशंका को जन्म दे दिया.
ईएसए के शियापारेल्ली प्रबंधक थिएरी ब्लांक्वैर्ट ने एएफपी से कहा- 'यान मंगल पर उतर गया है, यह बात निश्चित है.' उन्होंने दारमस्ताद में अभियान नियंत्रण कक्ष से कहा- मैं यह नहीं जानता कि वह सही सलामत मंगल पर उतरा है या वह किसी चट्टान से टकरा गया है. वह संचार स्थापित नहीं कर पा रहा है.' यदि यह अभियान असफल रहता है तो यह यूरोप की मंगल पर उतरने की लगातार दूसरी असफल कोशिश होगी.