निर्मोही अखाड़ा की बहस पूरी, अदालत में हुआ लंच...
Posted by :- Mohit Grover
निर्मोही अखाड़ा की तरफ से सुशील जैन ने कहा कि हमारा दावा मंदिर की भूमि, स्थाई संपत्ति पर मालिकाना अधिकार को अधिकार है. मुस्लिम पक्षकारों के इस दावे में भी दम नहीं है कि 22/23 दिसंबर 1949 की रात बैरागी साधु जबरन इमारत में घुसकर देवता को रख गए थे. उन्होंने कहा कि ये मुमकिन ही नहीं कि मुसलमानों के रहते इतनी आसानी से वो घुस गए जबकि 23 दिसंबर को शुक्रवार था. इसी के साथ निर्मोही अखाड़ा की दलील पूरी हुई.
अब शिया वक्फ बोर्ड की ओर से दलील शुरू हुई. शिया बोर्ड की ओर से कहा गया कि हमारा विवाद शिया बनाम सुन्नी बोर्ड को लेकर है, इस पर सुन्नियों का दावा नहीं बनता है. शिया वक्फ बोर्ड की ओर से एमसी धींगड़ा ने कहा कि वहां पर शिया मस्जिद थी, 1966 में आए फैसले से हमें बेदखल किया गया था. 1946 में दो जजमेंट आए थे एक हमारे पक्ष में और दूसरा सुन्नी के पक्ष में, 20 साल बाद 1966 में कोर्ट ने हमारा दावा खारिज कर दिया.
इसी के साथ अदालत लंच के लिए उठ गई है. लंच के बाद 45 मिनट पीएन मिश्रा को और उसके बाद डेढ़ घंटा मुस्लिम पक्षकारों को दिया जाएगा.