अयोध्या मामले की बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े से पूछा कि क्या उसके पास इस बात का कोई सबूत है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की विवादित भूमि पर उसका कब्जा है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एसए नजीर की अगुआई वाली संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.
मध्यस्थता नाकाम होने के बाद 6 अगस्त से इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई चल रही है. निर्मोही अखाड़े के वकील सुशील जैन से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अब हम भूमि पर कब्जे वाले मुद्दे पर सुनवाई कर रहे हैं तो बताइए कि भूमि पर आपका कब्जा कैसे है. अगर आपके पास कोई रेवेन्यू रिकॉर्ड है तो यह आपके हक में अच्छा सबूत है.
निर्मोही अखाड़ा बोला- कागजात खो गए
इसके जवाब में निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि 1982 में एक डकैती हुई थी, जिसमें उनके कागजात खो गए. इसके बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने निर्मोही अखाड़ा से दो घंटों में राम जन्मभूमि से जुड़े साक्ष्य पेश करने को कहा. वहीं जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप हमें राम जन्मभूमि से जुड़े असली दस्तावेज दिखाएं. जिसके बाद निर्मोही अखाड़े के वकील ने जवाब दिया कि सभी दस्तावेज इलाहाबाद हाई कोर्ट के जजमेंट में दर्ज हैं. इतना कहते ही निर्मोही अखाड़ा की दलील खत्म हो गई, जिसके बाद रामलला की ओर से वरिष्ठ वकील के परासरण ने अपनी दलील पेश की.
Lawyer K Parasharan, appearing for plaintiff Gopal Visharad, submits to SC at least 3 times in Ramayana, it's mentioned Sri Ram was born in Ayodhya. SC asks, "whether Christ was born in Bethlehem?Has such a question ever arisen in any court?"Parasaran answered he'll have to check pic.twitter.com/RUCo9SaG3K
— ANI (@ANI) August 7, 2019
'अंग्रेजों ने भी जन्मस्थान मंदिर माना'
परासरण ने कहा कि इस मामले के साथ देश के हिंदुओं की भावनाएं जुड़ी हैं. लोग राम जन्मभूमि को भगवान राम का जन्मस्थान मानते हैं. पुराण और ऐतिहासिक दस्तावेज में इस बात के सबूत भी हैं. परासरण ने कहा कि ब्रिटिश राज में भी जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस जगह का बंटवारा किया था तो मस्जिद की जगह राम जन्मस्थान का मंदिर माना. उन्होंने इस दौरान वाल्मिकी की रामायण का उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश राज में जज वैसे तो अच्छे थे, लेकिन वो भी अपने राज के उपनिवेशिक हित के खिलाफ नहीं जाते थे.
'क्या किसी और कोर्ट में भी आया ऐसा मामला'
आगे ऐतिहासिक साक्ष्य देते हुए परासरण ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में तब की अदालत ने एक फैसले में वहां बाबर की बनाई मस्जिद और जन्मस्थान मन्दिर का जिक्र किया था. इस पर जस्टिस बोबड़े ने पूछा कि ऐसे ही किसी धार्मिक स्थान को लेकर दो समुदायों का कोई सवाल या विवाद दुनिया में कहीं किसी भी अदालत में कभी आया है क्या?
परासरण ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, रामायण में यह तीन जगह लिखा है कि भगवान राम अयोध्या में पैदा हुए थे. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, क्या जीसस क्राइस्ट बेथलहम में पैदा हुए थे, ऐसा सवाल कभी कोर्ट में आया क्या. परासरण ने कहा कि उन्हें यह चीज चेक करनी पड़ेगी. इसके बाद सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.