देश की सीमाओं की चौकसी करने वाली भारतीय सेना अपनी गौरवशाली परंपरा का निर्वाह करते हुए हर साल जनवरी में सेना दिवस मनाती है और इस दौरान अपने दम खम का प्रदर्शन करने के साथ ही उस दिन को पूरी श्रद्धा से याद करती है जब सेना की कमान पहली बार एक भारतीय के हाथ में आयी थी.
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) शंकर राय चौधरी ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) के एम करियप्पा ने आज के दिन भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडिग इन चीफ के रूप में वर्ष 1948 में अंतिम ब्रिटिश कमांडर सर फै्रंसिस बु्चर से पदभार संभाला था. इस तरह लेफ्टिनेंट करियप्पा लोकतांत्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बने.
उन्होंने बताया कि इसी की याद में भारत में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है. इस दिन की शुरुआत यहां इंडिया गेट पर बनी अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ होती है.
लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने बताया, ‘इस दिन राजधानी दिल्ली और सेना के सभी छह कमान मुख्यालयों में परेड आयोजित की जाती है और सेना अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन करती है. इस मौके पर सेना के अत्याधुनिक हथियारों और साजो सामान जैसे टैंक, मिसाइल, बख्तरबंद वाहन आदि प्रदर्शित किये जाते हैं.’
चौधरी ने कहा, ‘इस दिन सेना प्रमुख दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले जवानों और जंग के दौरान देश के लिये बलिदान करने वाले शहीदों की विधवाओं को सेना मेडल और अन्य पुरस्कारों से सम्मानित करते हैं.’ दिल्ली में आयोजित परेड के दौरान अन्य देशों के सैन्य अताचियों और सैनिकों के परिवारों वालों को बुलाया जाता है. उन्होंने बताया कि सेना इस दौरान जंग का एक नमूना पेश करती है और इस दौरान अपने प्रतिक्रिया कौशल और रणनीति के बारे में बताती है.
उन्होंने कहा कि इस परेड और हथियारों के प्रदर्शन का उद्देश्य दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराना तथा देश के युवाओं को सेना में शामिल होने के लिये प्रेरित करना है.
उन्होंने बताया कि सेना दिवस पर शाम को सेना प्रमुख चाय पार्टी आयोजित करते हैं जिसमें तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिमंडल के सदस्य हिस्सा लेते हैं.
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना अपने सेवानिवृत्त सैनिकों, वीर नारियों और विधवाओं के कल्याण के लिये कई कल्याणकारी योजनायें भी चलाती है जिनमें पेंशन, बच्चों के लिये सैनिक स्कूल, सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण आवास, बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधायें मुहैया कराना शामिल है.
(15 जनवरी को सेना दिवस पर विशेष)