नई सरकार के आने के बाद देश के नागरिकों को दिए जाने वाले विशिष्ट पहचान संख्या यानी आधार कार्ड का भविष्य खतरे में पड़ सकता है. एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक केंद्र सरकार जल्द ही इस योजना को खत्म करने पर विचार कर रही है.
केंद्र के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग ने इस बाबत राज्य के सचिवों की बैठक भी बुलाई है . माना जा रहा है कि इस बैठक में आधार कार्ड के भविष्य पर फैसला लिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते ही आधार नंबर जारी करने वाली संस्था यूनिक आइडेंटिफिकेशन ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया पर बनी कैबिनेट कमेटी को भंग कर दिया था.
गौरतलब है कि यूपीए सरकार द्वारा शुरू की गई इस स्कीम के तहत UIDAI द्वारा भारत के नागरिकों को 12 अंको का एक विशिष्ट पहचान संख्या दिया जाता है. लेकिन बीजेपी इस योजना का शुरू से ही विरोध करते आई है. बीजेपी का मानना है कि इस स्कीम का कई विदेशी शरणार्थी गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने इस मुद्दे को चुनाव प्रचार के दौरान भी उठाया था.
UIDAI के रिकॉर्ड के मुताबिक अब तक देश में 63 करोड़ लोगों को आधार कार्ड दिया जा चुका है. लेकिन बीजेपी नीत नई सरकार इस स्कीम को आगे ले जाने के मूड में नहीं दिख रही और जल्द ही इस स्कीम को खत्म करने के फैसले पर विचार कर सकती है.