भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच भले ही पारी और 198 रन से जीता हो लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि टीम तीन मैचों की श्रृंखला में अपनी पूरी क्षमता से नहीं खेल पायी.
भारतीय कप्तान ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं यह कहना चाहूंगा कि हमने इस टेस्ट मैच में अपनी क्षमता का केवल 60 प्रतिशत ही प्रदर्शन किया. इसका कोई भी कारण हो सकता है. जहां तक पहले दो टेस्ट मैच की बात है तो उनमें हम अपनी क्षमता का 40 प्रतिशत ही प्रदर्शन कर पाये.’
धोनी ने हालांकि खराब फार्म में चल रहे सुरेश रैना का बचाव किया और कहा कि पिछले छह महीने में अत्याधिक क्रिकेट खेलने के कारण वह मानसिक तौर पर काफी थके हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘रैना लंबे समय से लगातार खेल रहा है. यहां तक कि जिम्बाब्वे दौरे में मैंने विश्राम लिया था लेकिन वह वहां भी खेला था. सौभाग्य से मुझे अब 10-15 दिन का विश्राम मिल रहा है जिससे मुझे तरोताजा होकर दक्षिण अफ्रीकी श्रृंखला की तैयारी में मदद मिलेगी.’ {mospagebreak}
धोनी ने चार पारियों में केवल 26 रन बनाने वाले रैना का बचाव करते हुए कहा, ‘लेकिन उसे न्यूजीलैंड श्रृंखला के खिलाफ पहले दो मैच में भी विश्राम नहीं मिला है. कभी अपना शत प्रतिशत नहीं देने का शारीरिक के अलावा मानसिक कारण भी होते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘इसका जवाब मैं नहीं दे सकता. बेहतर यही होगा कि आप बीसीसीआई से पूछो. मैं केवल इतनी उम्मीद कर सकता हूं कि उसे अंतिम तीन वन डे में विश्राम मिल जाए. वह हमारी बल्लेबाजी लाइन अप का महत्वपूर्ण खिलाड़ी है और हमारा मुख्य क्षेत्ररक्षक भी है. इसलिए जब आप लगातार खेलते हो तो आप पर मानसिक थकान हावी हो जाती है. उसके लिये विश्राम जरूरी है.’
धोनी ने मैन आफ द मैच राहुल द्रविड़ और इशांत शर्मा की जमकर तारीफ की जिन्होंने सात विकेट लिये. उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर यह सकारात्मक है कि इशांत ने अच्छी गेंदबाजी की. यदि आपके अधिक गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो आपके पास विकल्प भी अधिक होंगे. इसी तरह से बल्लेबाजी में राहुल और सचिन के कारण मध्यक्रम में स्थिरता है.’ {mospagebreak}
धोनी ने कहा, ‘राहुल हमारी लाइनअप में महत्वपूर्ण खिलाड़ी है क्योंकि वीरू जब आपको तेजतर्रार शुरुआत देता है तब उन जैसे खिलाड़ी की जरूरत पड़ती है. इससे आगे के बल्लेबाजों को भी मदद मिलती है.’ पिच को उन्होंने पारंपरिक भारतीय विकेट करार दिया जो शुष्क था और उसमें गेंद को टर्न मिल रही थी. धोनी ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि उन्हें दोपहर के बजाय शाम को मीडिया का सामना करने की उम्मीद थी.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगा कि मैं आप लोगों से शाम को मिलूंगा इतना जल्दी नहीं. इसके लिये पूरा श्रेय गेंदबाजों को जाता है. हमारी रणनीति कल एक घंटा अतिरिक्त बल्लेबाजी करने की थी ताकि हमें शाम को बहुत अधिक ओवर नहीं करने पड़ें.’ धोनी ने कहा, ‘इससे हमें गेंद को कड़ा रखने में मदद मिली और इससे तेज गेंदबाजों और स्पिनरों को भी मदद मिली जो इससे उछाल हासिल कर सकते थे. रैना ने भी कुछ विकेट लिये. मुझे खुशी है कि इशांत ने तेज और सही क्षेत्र में गेंदबाजी की.’ {mospagebreak}
टेस्ट श्रृंखला में कुछ फैसले सही नहीं रहे लेकिन भारतीय कप्तान का अब भी मानना है कि रेफरल प्रणाली पूरी तरह से फुलप्रूफ नहीं है. उन्होंने कहा, ‘जब तक मुझे नहीं लगता कि यह प्रणाली शत प्रतिशत सही है तब तक मैं उसका पक्ष नहीं लूंगा. इसके बजाय मैं हाट स्पाट जैसी प्रणाली के उपयोग का सुझाव दूंगा. गेंदबाजों के अनुकूल परिस्थितियों में कुछ गलत फैसले चलते हैं लेकिन यदि आप सपाट पिच पर खेल रहे हों तो दो या तीन गलत फैसलों का मतलब है कि आपको 40-50 ओवर अधिक करने होंगे.’