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चिदंबरम ने बुद्धदेव से राजनीतिक हिंसा खत्म करने को कहा

पश्चिम बंगाल सरकार को लगातार जारी राजनीतिक हिंसा रोकने का कड़ा संदेश देते हुए गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य से कहा कि पार्टियों के हथियारबंद सदस्यों को अपने हाथ में कानून लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती और उन पर अवश्य रोक लगनी चाहिए.

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पश्चिम बंगाल सरकार को लगातार जारी राजनीतिक हिंसा रोकने का कड़ा संदेश देते हुए गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य से कहा कि पार्टियों के हथियारबंद सदस्यों को अपने हाथ में कानून लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती और उन पर अवश्य रोक लगनी चाहिए.

गौरतलब है कि चिदंबरम और भट्टाचार्य ने हाल में पत्रों के जरिये एक दूसरे पर निशाना साधा था. चिदंबरम से 45 मिनट की मुलाकात के बाद भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के सभी सशस्त्र समूहों से हथियार वापस लेने के कदम उठाएगी.

भट्टाचार्य ने चिदंबरम से कहा कि संप्रग के सहयोगी और माकपा के धुर विरोधी तृणमूल कांग्रेस से कहा जाये कि वह माओवादियों को ‘खुला एवं प्रत्यक्ष समर्थन’ बंद करें. नॉर्थ ब्लाक कार्यालय में चिदंबरम ने मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री से कहा, ‘..कानून व्यवस्था बनाए रखना सुरक्षा बलों की जिम्मेदारी है और इस जिम्मेदारी को किसी भी तरह निभाने के लिए किसी भी राजनीतिक दल के हथियारबंद सदस्यों को अनुमति नहीं दी जा सकती.’ {mospagebreak}

राज्य में कानून व्यवस्था की वर्तमान स्थिति पर गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के बीच कड़े शब्दों में पत्र व्यवहार के बाद यह बैठक हुई है. राज्य में इसी वर्ष चुनाव भी होने हैं. गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री के साथ उन सूचनाओं और खुफिया जानकारियों को साझा किया जो केंद्र सरकार के पास उपलब्ध हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से नेतई की घटना का भी जिक्र किया जिसमें माकपा के हथियारबंद सदस्यों ने सात जनवरी को कथित तौर पर सात लोगों की हत्या कर दी थी.

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गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को आश्वस्त किया कि वह गृह मंत्री द्वारा जताई गई चिंताओं की गंभीरता को समझते हैं और उचित कदम उठाएंगे.’ बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में भट्टाचार्य ने कहा कि सभी हथियारबंद समूहों को हथियार विहीन करने के कदम उठाने के अलावा ‘मैं गृह मंत्री की इस बात से सहमत था कि नेतई में हाल की घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. हम सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटना नहीं हो.’ {mospagebreak}

साथ ही उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर प्रहार करते हुए इस पर माओवादियों से ‘सीधा’ संपर्क रखने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘मैंने गृह मंत्री से कहा कि उन्हें उनसे (तृणमूल कांग्रेस) कहना चाहिए कि वे माओवादियों से अपना संबंध खत्म करें.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले तृणमूल कांग्रेस का माओवादियों से ‘गुप्त संबंध’ था और वे उन्हें ‘गुप्त समर्थन’ देते थे, वहीं अब वे खुला समर्थन कर रहे हैं.

उन्होंने आरोप लगाया, ‘वे माओवादियों से सीधे और खुले तौर पर संबंध रखे हुए हैं ताकि वहां गड़बड़ी पैदा की जा सके. हमने इसकी विभिन्न सूत्रों से पुष्टि की है. इसमें गिरफ्तार माओवादी भी शामिल हैं.’ भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस और माओवादी एवं उनके अग्रणी संगठन संयुक्त आम सभा का आयोजन कर रहे हैं. हाल में कुछ तृणमूल नेताओं को भी पकड़ा गया है जो उड़ीसा में चिकित्सा के लिए माओवादियों के साथ मौजूद थे.

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भट्टाचार्य ने कहा, ‘हमारी बड़ी चिंता मुख्य विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस द्वारा राजनीतिक हित साधने के लिए माओवादियों को कथित समर्थन है जो खुला या गुप्त रूप से है.’ उन्होंने कहा कि तृणमूल माओवादी विरोधी पुलिस कार्रवाइयों का आलोचना करती रही है और संयुक्त बलों को वापस लेने की मांग करती है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कुछ तृणमूल नेताओं ने पीसीपीए सदस्यों के साथ खुली बैठक आयोजित की है. {mospagebreak}माओवादियों के गिरफ्तार कुछ महत्वपूर्ण नेताओं के बयान से संकेत मिलता है कि वे तृणमूल कांग्रेस के साथ संयुक्त कार्यक्रम चलाते हैं जिसके बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को विस्तृत जानकारी दी जा चुकी है.’

कुछ इलाकों में माकपा के हथियारबंद शिविरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हजारों माकपा कार्यकर्ताओं और उनके परिवार के लोगों को माओवादियों ने घर से निकाल दिया. अब वे अपने घरों में लौट गए हैं.’ उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग खुद की सुरक्षा के लिए हथियारों से लैस हैं.

गृह मंत्री को 14 पन्नों का दस्तावेज सौंपते हुए भट्टाचार्य ने संकेत दिया कि पिछले दो वर्षों में तीन प्रभावित जिलों में माओवादी हिंसा के कम से कम 885 मामले दर्ज किए गए हैं. मुख्यमंत्री के बयानों का विरोध करते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने दिल्ली में धरना दिया. उन्होंने पश्चिम बंगाल में संयुक्त सुरक्षा बलों के कथित ‘अत्याचार’ का विरोध किया और राज्य से उन्हें वापस बुलाने की मांग की.

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