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जरूरतमंदों के लिए काम जारी रखूंगा: बिनायक

सामाजिक कार्यकर्ता बिनायक सेन ने कहा है कि राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय प्रयासों से उनकी रिहाई संभव हो सकी. उन्‍होंने कहा कि वे जरूरतमंदों के लिए काम करना जारी रखेंगे.

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बिनायक सेन
बिनायक सेन

सामाजिक कार्यकर्ता बिनायक सेन ने कहा है कि राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय प्रयासों से उनकी रिहाई संभव हो सकी. उन्‍होंने कहा कि वे जरूरतमंदों के लिए काम करना जारी रखेंगे.

रायपुर सेंट्रल जेल से रिहा होने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए बिनायक सेन ने कहा कि सलवा-जुडूम तुरंत बंद होना चाहिए, जिससे शांति-प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके.

बातचीत के दौरान कहा कि वे देशद्रोही नहीं हैं और उच्चतम न्यायालय ने भी माना है कि उन पर लगाए गए देशद्रोह के आरोप कहीं टिक नहीं रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय विधि मंत्री वीरप्पा मोइली ने भी द्रोशद्रोह के कानून की समीक्षा पर बल दिया है, इस कानून पर पुनर्विचार करने के लिए अभियान चलाने की जरूरत है.

सेन ने कहा कि वे देशद्रोही नहीं है और उनको देश से प्रेम है तथा वह यहां के लोगों से प्रेम करते हैं. पीयूसीएल नेता ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ में रहेंगे तथा आने वाले समय में मानवाधिकार के लिए तथा शांति और न्याय के लिए काम करते रहेंगे. देश में आज भी भुखमरी और गरीबी है. लोगों को दो वक्त का भोजन भी नसीब नहीं हो पा रहा है. यह देश के लिए अच्छी बात नहीं है. इन सब के लिए काम करने की जरूरत है.

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सेन ने जेल से बाहर आने के बाद खुशी जाहिर की और कहा कि जेल से बाहर निकलने के लिए यह प्रक्रिया मेरी नहीं थी. यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुहिम के तहत पूरा हो सका. बहुत से लोगों के साथ में होने के कारण मै बाहर आ सका हूं मै सबको धन्यवाद देता हूं. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने बहुत बड़ा फैसला दिया है और जिस परिस्थितियों से निकलकर मै बाहर आया हूं उस समान परिस्थिति में हजारों लोग फंसे हुए हैं.

सलवा जुडूम के बारे में पूछे गए सवाल पर सेन ने कहा कि सलवा जुडूम वाजिब नहीं है मैं पहले से कहता आया हूं. अब उच्चतम न्यायालय ने इस पर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा है कि सलवा जुडूम बंद हो चुका है लेकिन उसके कार्यकर्ता अभी भी घूम रहे हैं और हिंसा फैला रहे हैं. सलवा जुडूम राज्य में शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में बाधक सिद्ध होगा.

सेन ने कहा कि वे पीयूसीएल के कार्यकर्ता हैं और अभी भी वे इस संस्था में काम कर रहे हैं तथा आगे भी काम करते रहेंगे. वे आगे राज्य में ही मानवाधिकार के लिए काम करेंगे. राज्य में शांतिप्रक्रिया में उनकी भूमिका पर उन्होंने कहा कि वे किसी एक समूह के शुभचिंतक नहीं हैं और न ही उनके लिए काम करते हैं इसलिए वे किसी को भी हथियार डालने के लिए नहीं कह सकते हैं क्योंकि यह उनका काम नहीं है बल्कि यह सरकार का काम है. वे राज्य में शांति प्रक्रिया के लिए काम करेंगे तथा वे सभी प्रकार की हिंसा के खिलाफ हैं.

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जेल में उनके द्वारा बिताए गए समय के बारे में उन्होंने कहा कि जेल में उन्हें सहानुभूति मिली लेकिन वहां के हालत अच्छे नहीं है. वहां फैली अव्यवस्था के कारण वहां रहने वाले कैदियों की जिंदगी अच्छी नहीं है, इस पर ध्यान देना चाहिए.

इस दौरान सेन के साथ उसकी मां अनुसुइया, पत्नी इलीना, उनकी बेटियां और पीयूसीएल के पदाधिकारी और कार्यकर्ता वहां मौजूद थे. सेन के परिजनों ने सेन की रिहाई पर खुशी जताई और उनके रिहाई के लिए मदद करने वालों को धन्यवाद दिया वहीं वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी का भी धन्यवाद दिया.

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