अगस्त 2003 में मुंबई में हुए दोहरे धमाकों के मामले में मुंबई की पोटा अदालत अब 6 अगस्त को सज़ा का ऐलान करेगी. इन धमाकों के लिए एक महिला समेत तीन लोगों को दोषी करार दिया गया था. इस धमाके में 52 लोगों की जान चली गई थी.
धमाकों में 52 बेगुनाहों की हुई थी मौत
27 जुलाई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने हनीफ सईद, उसकी पत्नी फहमीदा सईद और अशरफ अंसारी को धमाकों का दोषी करार दिया था. आज इनकी सज़ा पर बहस होगी. इसके बाद कोर्ट फैसला सुनाएगा. 25 अगस्त 2003 दो गेटवे ऑफ इंडिया और ज़ावेरी बाज़ार में धमाके हुए थे. जिसमें 52 लोगों की मौत हो गई थी और 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
तीन लोगों ने रची थी हमले की साजिश
इन धमाकों के लिए हनीफ, फहमीदा और अशरफ ने ही साज़िश रची और बम भी इन तीनों ने ही प्लांट किए थे. इन तीनों ने दो अलग अगल टैक्सियों में बम रखे थे. धमाके में एक टैक्सी वाले की तो मौत हो गई थी, जबकि दूसरा बच गया था. उसी की निशानदेही पर पुलिस इन तक पहुंच सकी थी.
फांसी देने की मांग करेंगे सरकारी वकील
मुंबई हमले में सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील उज्ज्वल निकम ने कहा है कि मुंबई के दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए. आज तक संवाददाता से बात चीत में निकम ने कहा कि ऐसे लोगों को फांसी की सजा मिलनी ही चाहिए जिनके कारण 52 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी.
सजा नहीं मानेंगे
मुंबई हमलों में दोषी करार दिए गए अशरफ अंसारी ने कहा है कि वह अदालत के फैसले को नहीं मानेगा. दोषियों ने कई तरह के आरोप भी लगाएं है. कोर्ट ने 27 जुलाई को हनीफ सईद, उसकी पत्नी फहमीदा सईद और अशरफ अंसारी को धमाकों का दोषी करार दिया था.