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पंजाब में जल्द खोले जाएंगे 200 नए आम आदमी क्लीनिक, CM भगवंत मान ने की घोषणा

पंजाब के मुख्यमंत्री ने रविवार को 200 नए आम आदमी क्लीनिक खोलने की घोषणा की है. इसके साथ इन क्लीनिकों की संख्या 1000 के पार पहुंच जाएगी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में 565 ग्रामीण और 316 शहरी क्षेत्रों में क्लीनिक हैं, जहां प्रतिदिन करीब 70,000 मरीज इलाज किया जा रहा है.

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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान. (photo:ITG)
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान. (photo:ITG)

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्यवासियों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 200 नए आम आदमी क्लीनिक खोलने की घोषणा की. इस पहल का मकसद ये सुनिश्चित करना है कि लोगों को इलाज के लिए दूर-दराज न जाना पड़े. इसके साथ ही राज्य में मौजूदा 881 क्लीनिकों को व्हाट्सऐप चैटबॉट से जोड़ने की शुरुआत करते हुए उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है.

चंडीगढ़ के टैगोर थिएटर में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी क्लीनिक देश का सबसे सफल स्वास्थ्य मॉडल बन रहा है, जहां मरीजों का इलाज मुफ्त किया जा रहा है. वर्तमान में 565 ग्रामीण और 316 शहरी क्षेत्रों में क्लीनिक हैं, जहां प्रतिदिन करीब 70,000 मरीज इलाज किया जा रहा है.

जल्द खुलेंगे 200 नए क्लीनिक

उन्होंने बताया कि जल्द ही 200 नए क्लीनिक शुरू होने से इनकी कुल संख्या 1081 हो जाएगी. मुख्यमंत्री ने बताया कि इन क्लीनिकों में आने वाले मरीजों में सबसे अधिक संख्या महिलाएं और बुजुर्गों की है, क्योंकि उन्हें अपने घर के नज़दीक मुफ्त बेहतरीन इलाज मिल रहा है. इससे सरकारी स्वास्थ्य सिस्टम में लोगों का विश्वास बढ़ रहा है.

आम आदमी क्लीनिकों को व्हाट्सऐप चैटबॉट से जोड़ने को एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब मरीज अपनी दवाओं, जांच रिपोर्ट, अगली अपॉइंटमेंट और स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारी अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि पंजाब की 90% आबादी के पास स्मार्टफोन हैं, जिससे यह सुविधा आसानी से लोगों तक पहुंचेगी.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर की पर्ची, रिपोर्ट, अगली मिलने की तारीख के समय-समय पर रिमाइंडर के अलावा, शुगर व ब्लड प्रेशर से पीड़ित बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों की देखभाल से जुड़ी जानकारी भी व्हाट्सऐप पर दी जाती रहेगी. इससे मरीजों को पर्चियां संभालने की आवश्यकता नहीं रहेगी, वे जब चाहें मोबाइल पर जानकारी ले सकते हैं. साथ ही स्वास्थ्य विभाग के पास इलाज और बीमारियों से जुड़ा पूरा डाटा भी इकट्ठा हो सकेगा.

इस अवसर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब कुत्ते के काटने के मामलों में पीड़ितों को तुरंत इलाज आम आदमी क्लीनिकों में मिलेगा. उन्होंने बताया कि एंटी-रेबीज़ वैक्सीन इन क्लीनिकों में उपलब्ध होगी और इसका पूरा खर्च सरकार वहन करेगी. पहले ये इलाज महंगा और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नहीं था, लेकिन अब ये सुविधा मुफ्त दी जाएगी.

'हर परिवार को मिलेगा मुफ्त इलाज'

‘मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना’ के तहत हर परिवार को 10 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का लाभ देने का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब देश का पहला ऐसा राज्य होगा जो अपने हर परिवार को इतनी बड़ी सीमा तक स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करेगा.

उन्होंने अफसोस जताया कि पिछली सरकारों के घोषणापत्रों में स्वास्थ्य का जिक्र तक नहीं होता था और लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाता था. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग गंभीर बीमारियों का इलाज तक नहीं कराते थे, क्योंकि इलाज इतना महंगा होता था कि वे अपने परिवार को कर्जदार नहीं देखना चाहते थे.

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उन्होंने कहा कि लोगों को मुफ्त उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवा देना सरकार का कर्तव्य है और वर्तमान सरकार यह कर्तव्य पूरी निष्ठा से निभा रही है.

'मेडिकल हब बनेगा पंजाब'

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य को मेडिकल हब बनाने के लिए सरकार कोशिश कर रही है. उन्होंने बताया कि कपूरथला, होशियारपुर, संगरूर और नवांशहर में चार नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दी जा चुकी है.

मुफ्त घरेलू बिजली को आम लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में 90% घरों का बिजली बिल शून्य आ रहा है, जिससे लोगों को आर्थिक राहत मिली है.

उन्होंने कहा कि स्कूल ऑफ एमिनेंस में अब कई छात्र निजी स्कूलों से हटकर आ रहे हैं. इस वर्ष सरकारी स्कूलों के 208 छात्रों ने JEE एडवांस और 800 से अधिक छात्रों ने NEET परीक्षा पास की है.

'सड़क हादसों में आई 48% की कमी'

सड़क सुरक्षा बल (SSF) को अमूल्य जीवन बचाने वाली फोर्स बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके गठन से सैकड़ों जानें बचाई गई हैं. जब वे संसद सदस्य थे, उस समय के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में एक वर्ष में 5,000 से अधिक लोग सड़क हादसों में मारे जाते थे. लेकिन अब SSF के आने से 48% की कमी आई है, जो अन्य राज्यों के लिए मिसाल है. ये बल विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मचारियों से बना है, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, और यह 144 आधुनिक वाहनों से सुसज्जित है.

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WHO से की अपील

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम से राज्य के आम आदमी क्लीनिकों और स्वास्थ्य संस्थानों का दौरा करके अपने बहुमूल्य अनुभव साझा करने की अपील की.

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