कांग्रेस ने मंगलवार को नए स्टील मंत्री एच डी कुमारस्वामी पर निशाना साधा और पूछा कि क्या वह यह आश्वासन देंगे कि विशाखापत्तनम और सलेम सहित स्टील संयंत्रों का निजीकरण नहीं किया जाएगा. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कुमारस्वामी एक "जंग लगी" सरकार में नए स्टील मंत्री हैं और उन्होंने विशाखापत्तनम, सलेम, नगरनार, भद्रावती और दुर्गापुर में स्टील प्लांट से संबंधित पांच सवाल पूछे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकार ने राष्ट्रीय स्टील निगम लिमिटेड (आरआईएनएल), जिसे आमतौर पर विजाग स्टील प्लांट के रूप में जाना जाता है, को प्रधानमंत्री के दोस्तों को बेचने का प्रस्ताव दिया था.
उन्होंने कहा कि एक लाख से अधिक लोग अपनी आजीविका के लिए इस पर निर्भर हैं और जनवरी 2021 में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा आरआईएनएल, इसके संयुक्त उपक्रमों और सहायक कंपनियों के 100 प्रतिशत निजीकरण को मंजूरी दिए जाने के बाद से आरआईएनएल यूनियनें शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रही हैं.
Here is our statement on public sector steel plants, raising 5 questions for the new Steel Minister HD Kumaraswamy pic.twitter.com/TVfZAooAnn
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 11, 2024सम्बंधित ख़बरें
जयराम रमेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि कर्मचारियों की रिपोर्ट है कि जानबूझकर की गई सरकारी लापरवाही के कारण कभी संपन्न रहे इस स्टील प्लांट को लगातार घाटा हो रहा है.
उन्होंने पूछा, "क्या कुमारस्वामी लिखित में यह वादा करेंगे कि वे विजाग स्टील प्लांट को प्रधानमंत्री के एक-तिहाई' उद्योगपति मित्रों को नहीं बेचेंगे."
उन्होंने कहा कि 2019 में, पिछले प्रशासन ने सलेम स्टील प्लांट में विनिवेश करने का फैसला किया और लगभग 2,000 लोगों की एक विशाल रैली, जिसमें श्रमिक, उनके परिवार और इसके लिए अपनी जमीन देने वाले कई किसान शामिल थे, जल्द ही विशेष स्टील इकाई के निजीकरण का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए. एक लाख से अधिक लोग अपनी आजीविका के लिए इस पर निर्भर हैं और जनवरी 2021 में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा आरआईएनएल, इसके संयुक्त उपक्रमों और सहायक कंपनियों के 100 प्रतिशत निजीकरण को मंजूरी दिए जाने के बाद से आरआईएनएल यूनियनें शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रही हैं. रमेश ने कहा कि कर्मचारियों की रिपोर्ट है कि जानबूझकर की गई सरकारी लापरवाही के कारण कभी संपन्न रहे इस स्टील प्लांट को लगातार घाटा हो रहा है.
उन्होंने पूछा, "क्या श्री कुमारस्वामी लिखित में यह वादा करेंगे कि वे विजाग स्टील प्लांट को प्रधानमंत्री के 'एक-तिहाई' उद्योगपति मित्रों को नहीं बेचेंगे." उन्होंने कहा कि 2019 में, पिछले प्रशासन ने सलेम स्टील प्लांट में विनिवेश करने का फैसला किया और लगभग 2,000 लोगों की एक विशाल रैली, जिसमें श्रमिक, उनके परिवार और इसके लिए अपनी जमीन देने वाले कई किसान शामिल थे, जल्द ही विशेष स्टील इकाई के निजीकरण का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए.
जयराम रमेश ने पूछा, "पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले गृह मंत्री अमित शाह बस्तर आए थे और वादा किया था कि प्लांट का निजीकरण नहीं किया जाएगा. क्या श्री कुमारस्वामी उस वादे पर खरे उतरेंगे या फिर वे इस स्टील प्लांट को प्रधानमंत्री के 'एक तिहाई' करीबी दोस्तों और वित्तपोषकों को बेच देंगे."
उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2022 से प्रधानमंत्री के पिछले प्रशासन ने कर्नाटक के भद्रावती में सेल के विश्वेश्वरैया आयरन एंड स्टील प्लांट को बंद करने की पहल की है. उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री के पिछले प्रशासन ने दुर्गापुर में एलॉय स्टील प्लांट को बेचने का प्रयास किया था.
रमेश ने पूछा, "इसके बाद से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार अपने कदम पीछे खींच रही है, लेकिन 'एक तिहाई' प्रधानमंत्री द्वारा बार-बार किए गए उलटफेरों के कारण दुर्गापुर के लोगों को सरकार की भविष्य की योजनाओं पर बहुत कम भरोसा है. क्या कुमारस्वामी दुर्गापुर और पश्चिम बंगाल के लोगों को आश्वस्त कर सकते हैं कि वे स्टील संयंत्र के निजीकरण की निगरानी नहीं करेंगे."