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2024 चुनाव में काम आएगी कांग्रेस की प्रेशर पॉलिटिक्स? अमेठी से राहुल गांधी की 'दावेदारी' के मायने

UP कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने ऐलान कर दिया है कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे और प्रियंका गांधी अगर वाराणसी से चुनाव लड़ना चाहें तो कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता उनके साथ है. अजय राय ने ऐलान किया कि राहुल गांधी 2024 में अमेठी से चुनाव लड़ेंगे. ये वही अमेठी है जहां से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 2019 लोकसभा का चुनाव हरा दिया था.

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राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने की बात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कही है
राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने की बात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कही है

2024 लोकसभा चुनाव के 188 दिन बाकी रह गए हैं, लेकिन आज कांग्रेस के नए नवेले यूपी अध्यक्ष अजय राय ने जो कहा उससे राजनीति में उथल-पुथल मचना तय है. UP कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने ऐलान कर दिया है कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे और प्रियंका गांधी अगर वाराणसी से चुनाव लड़ना चाहें तो कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता उनके साथ है. अभी तक कांग्रेस ने 2024 के लिए विपक्ष के 26 दलों का गठबंधन INDIA बनाकर टीम NDA पर प्रहार करने की कोशिश की है. लेकिन अब कांग्रेस यूपी के बारे में क्या सोच रही है और राहुल गांधी की 2024 में लॉन्चिंग कैसे होने वाली है, ये भी तकरीबन साफ कर दिया है.

राहुल गांधी इन दिनों लद्दाख में हैं और अपनी पार्टी के नेताओं से मिल रहे हैं. राहुल अलग अलग जगहों पर जाकर युवाओं से बातचीत कर रहे हैं और वाराणसी में यूपी कांग्रेस के नए अध्यक्ष अजय राय ने 2024 की राजनीति का सबसे बड़ा धमाका कर दिया है. यकीनन इस धमाके की गूंज पूरे देश को सुनाई दी है. अजय राय ने ऐलान किया कि राहुल गांधी 2024 में अमेठी से चुनाव लड़ेंगे. ये वही अमेठी है जहां से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 2019 लोकसभा का चुनाव हरा दिया था.

4 अगस्त के बाद बदले तेवर

जहां 4 अगस्त से पहले तक राहुल गांधी के चुनाव लड़ने पर भी सस्पेंस था. वजह थी मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की संसद सदस्यता चले जाना. लेकिन अब कांग्रेस नेता ने ही दावा कर दिया है कि राहुल अमेठी से ही चुनाव लड़ेंगे.

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बता दें कि 4 अगस्त को मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलती है और राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो गई है. उसी घड़ी से कांग्रेस का सारा गेम बदल गया है. संसद सदस्यता बहाल होने से राहुल की राजनीति के तेवर भी कुछ बदले हुए हैं. राहुल अब मुद्दों पर प्रमुखता से बात कर रहे हैं. वो मणिपुर हिंसा पर चीख-चीख कर पीएम मोदी का घेराव करते दिख रहे हैं. संसद के मॉनसून सत्र में पीएम मोदी के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में भी राहुल गांधी ने सीधा पीएम मोदी पर अटैक किया और संसद का पूरा माहौल ही बदल दिया. अब 2024 की लड़ाई में राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने का ऐलान, ये बताता है कि कांग्रेस यूपी से ही अपनी पूरी रणनीति सेट कर रही है.

क्या स्मृति ईरानी को हरा पाएंगे राहुल?

जैसे ही अजय राय ने ये ऐलान किया कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे. तुरंत एक सवाल पलटकर आता है क्या स्मृति ईरानी को 2024 में हरा पाएंगे. तो अजय राय भी डंके की चोट इसका जवाब देते हैं. उन्होंने कहा कि अब स्मृति ईरानी खुद ही बौखला गई हैं, 13 रुपए किलो चीनी दिलवा रही थीं, दिलवा पाईं? 

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अमेठी वो सीट है, जहां गांधी परिवार के चार सदस्यों ने अपने सियासी करियर की शुरूआत की, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल हैं. अगर गांधी परिवार की बात करें तो संजय गांधी के बाद अमेठी से हारने वाले राहुल गांधी दूसरे सदस्य थे. इमरजेंसी के दौरान 1977 में संजय गांधी को यहां से शिकस्त मिली थी. वैसे मौजूदा हालात में राहुल की राह अमेठी में आसान होती नहीं दिख रही है. क्योंकि 2004 में राजनीतिक सफर शुरू करने वाले राहुल गांधी को अमेठी में करीब 67 प्रतिशत वोट मिले थे, जो कि 2009 में 72 प्रतिशत तक पहुंच गए.

लेकिन स्मृति इरानी की एंट्री के साथ अमेठी का खेल बदलने लगा. 2014 के चुनाव में राहुल गांधी का वोट प्रतिशत घटकर 47 तक पहुंच गया तो वहीं स्मृति इरानी को करीब 34 प्रतिशत वोट मिले. 2019 में तो स्मृति इरानी ने इतिहास रच दिया, जहां उनका वोटप्रतिशत पचास तक पहुंच गया. जबकि राहुल गांधी 44 प्रतिशत वोट तक सिमट गए और स्मृति इरानी ने मौजूदा वक्त में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे को यूपी की सियासत से बाहर कर दिया.

गौरतलब है कि 2019 में राहुल गांधी ने दो जगहों से लोकसभा चुनाव लड़ा था, एक तो अमेठी से, दूसरा केरल की वायनाड सीट से. राहुल गांधी अमेठी से हारे और वायनाड से जीते. इसपर स्मृति ईरानी खूब चुटकी लेती हैं. 23 मई 2023 को स्मृति ईरानी ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है, जो आज वायनाड के एमपी हैं, उनको मैंने ही अमेठी से रवाना किया था. 

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सबसे ज्यादा सीटों वाला राज्य है UP

अजय राय के ऐलान पर बीजेपी जोरदार प्रहार कर रही है, लेकिन अजय राय ने जो कहा कि क्या वो इस बात का संकेत है कि कांग्रेस यूपी के लिए बड़ी रणनीति बना रही है. क्योंकि यूपी बीजेपी का सबसे मजबूत किला है और लोकसभा के हिसाब से भी सबसे बड़ा राज्य है, जहां 80 सीटे हैं. तो क्या कांग्रेस अब यूपी में प्रेशर पॉलिटिक्स चल रही है. 

UP से कांग्रेस को उम्मीदें

कांग्रेस 2024 के लिए बहुत ही सोच समझ कर रणनीति बना रही है, सबसे पहले तो कांग्रेस ने विपक्ष के 26 दलों का गठबंधन INDIA बनाया. ताकि मोदी और बीजेपी पर प्रेशर डाल सके और उनके एनडीए गठबंधन को टक्कर दे सके. दूसरा कांग्रेस ने अपनी पॉलिटिक्स को यूपी पर फोकस किया है, क्योंकि बीजेपी को सबसे ज्यादा भरोसा यूपी से है. एक तो वहां सीएम योगी आदित्यनाथ हैं, दूसरा पीएम मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ते हैं. इसीलिए कांग्रेस ने अजय राय को सोच समझकर यूपी कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया है, क्योंकि ये वही अजय राय हैं जिन्होंने 2014 में वाराणसी से नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था. अजय राय ये चुनाव हारे थे. लेकिन इस बार कह रहे हैं कि यूपी में जान लड़ा देंगे.

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2024 की लड़ाई तगड़ी है, ये विपक्ष के INDIA गठबंधन बनने के बाद से ही तय हो चुका है. इस लड़ाई के केंद्र में राहुल गांधी ही होने वाले हैं, ये भी साफ-साफ नजर आ चुका है, क्योंकि जैसे ही 18 जुलाई को विपक्ष के INDIA गठबंधन की घोषणा होती है, ममता बनर्जी राहुल गंधी को अपना फेवरेट बताती हैं.

18 जुलाई को ममता बनर्जी ने बोला था कि हमारा फेवरेट राहुल गांधी है. अकेले ममता बनर्जी ही नहीं बल्कि महबूबा मुफ्ती ने भी कह दिया है कि राहुल गांधी सही ट्रैक पर हैं. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की. मुझे लगता है और राहुल ने जो स्टेप उठाया है कि मैं मुल्क को बचाऊंगा, वह अच्छा है. इसलिए इंडिया अच्छा है. लेकिन पीएम मोदी 2024 में तीसरा बार आने का दावा कर चुके हैं और राहुल गांधी पर लॉन्चिंग वाला प्रहार भी कर चुके हैं.

बीजेपी ने साधा निशाना

राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बयान पर बीजेपी नेता मोहसिन राजा ने कहा कि राहुल गांधी अपनी अम्मी जान की सीट बचायें. कांग्रेस को तो 30 साल पहले ही यूपी की जनता ने छोड़ दिया था. इस बार वह अपनी रायबरेली सीट बचाएं. अमेठी की जनता ने राहुल गांधी को छोड़ दिया था, जो स्मृति ईरानी के सामने जीतने का सपना छोड़ दें.

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योगी सरकार के मंत्री ने भी साधा निशाना

योगी सरकार के मंत्री दानिश अंसारी ने कहा कि अमेठी की जनता राहुल गांधी के धोखे में में आने वाला नहीं है.  स्मृति ईरानी ने जो काम किया है और 2014,  2019 की हार के बाद अब गांधी परिवार के लिए वह कुछ नहीं बचा है. यूपी की राजनीति में राहुल गांधी की वापसी का कोई असर नहीं पड़ेगा अमेठी की जनता जान चुकी है कि किसने वोट लेकर के छैला और किसने उनके लिए काम किया किया.

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