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सुदर्शन रेड्डी की हार... जानें- उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजे को नैतिक जीत क्यों बता रहा विपक्ष

उपराष्ट्रपति चुनाव में 767 सांसदों ने मतदान किया और 752 मत वैध पाए गए. राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए. विपक्ष का दावा है कि उसके सभी 315 सांसदों ने मतदान किया, लेकिन गिनती में 15 वोटों की कमी ने क्रॉस वोटिंग की अटकलों को हवा दे दी.

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नतीजों के बाद दोनों पक्ष अपनी-अपनी तरह से जीत का दावा करते नजर आए. (File Photo- PTI)
नतीजों के बाद दोनों पक्ष अपनी-अपनी तरह से जीत का दावा करते नजर आए. (File Photo- PTI)

भारत के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद उपराष्ट्रपति के लिए हुए चुनाव में लगभग 98.2 प्रतिशत मतदान हुआ. सांसद कतारों में खड़े होकर मतदान कर रहे थे और पोलिंग एजेंट सुनिश्चित कर रहे थे कि सभी सदस्य वोट डालें. इस पूरे चुनावी माहौल का समापन हुआ जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन ने भारी बहुमत से जीत दर्ज कर देश के नए उपराष्ट्रपति बन गए. उन्होंने विपक्षी INDIA Bloc के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों से हराया.

चुनाव आयोग के अनुसार संसद की कुल 788 सीटों में से 7 खाली थीं, इस प्रकार 781 सांसद मतदान के पात्र थे. इनमें से 767 सांसदों ने मतदान किया और 752 मत वैध पाए गए. राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए. विपक्ष का दावा है कि उसके सभी 315 सांसदों ने मतदान किया, लेकिन गिनती में 15 वोटों की कमी ने क्रॉस वोटिंग की अटकलों को हवा दे दी.

क्रॉस वोटिंग और अवैध मतपत्रों के आरोप

नतीजों के बाद दोनों पक्ष अपनी-अपनी तरह से जीत का दावा करते नजर आए. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स (X) पर लिखा कि विपक्ष का 40% वोट शेयर एक नैतिक जीत है, जो 2022 के मुकाबले 14% ज्यादा है, जब एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को हराया था.

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वहीं, एनडीए नेताओं ने क्रॉस वोटिंग और अवैध वोटों का मुद्दा उठाया. शिवसेना सांसद नरेश महास्के ने कहा कि महाराष्ट्र के कुछ विपक्षी सांसदों ने एनडीए उम्मीदवार को वोट दिया. भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने दावा किया कि 14 विपक्षी सांसदों ने पाला बदला और एनडीए को वोट दिया, जबकि 15 ने जानबूझकर अपने वोट अवैध कर दिए.

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी की अंतरात्मा की आवाज काम नहीं आई. वह एनडीए के पक्ष में चली गई और उनका झूठा नैरेटिव धराशायी हो गया.”

उधर, कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने कहा कि INDIA Bloc के 12 वोट अवैध पाए गए, जबकि एनडीए के 3 वोट अवैध थे. इससे यह बहस छिड़ गई कि अगर एनडीए के अवैध वोटों को भी जोड़ा जाए तो विपक्ष की क्रॉस वोटिंग संख्या 17 तक पहुंच सकती है.

उत्साह से भरे सांसदों की लंबी कतारें

उपराष्ट्रपति चुनाव का दिन भी एक आम चुनाव जैसा ही उत्साहपूर्ण रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह 10 बजे सबसे पहले वोट डाला. उनके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और विपक्षी नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा तथा सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मतदान किया.

सांसदों को वोट डालने के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा और कई नेताओं ने 90 मिनट तक इंतजार करने की बात कही. प्रियंका गांधी, भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कहा कि उन्होंने लगभग डेढ़ घंटे लाइन में लगकर वोट डाला.

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दोपहर तक 715 सांसद वोट डाल चुके थे और शाम 5 बजे मतदान संपन्न हुआ. कुल मिलाकर 782 में से 768 सांसदों ने मतदान किया. बीजू जनता दल (बीजद) और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने मतदान से दूरी बनाए रखी.

यह चुनाव सांसदों की उच्च स्तरीय भागीदारी को दर्शाता है. साथ ही इसने संसद के भीतर लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीवंतता और चुनाव के बाद पैदा हुई राजनीतिक तनातनी को भी उजागर किया, जिसमें क्रॉस वोटिंग और अवैध मतपत्र प्रमुख बहस का विषय बन गए हैं.

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