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‘ये सिर्फ अटकलें…’ प्रियंका गांधी के PM कैंडिडेट बनने की चर्चाओं पर बोले डीके शिवकुमार

उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार में किसी भी तरह के बदलाव की कोई चर्चा नहीं है और प्रियंका गांधी के प्रधानमंत्री पद पर आने की खबरें केवल मीडिया की अटकलें हैं. डीके शिवकुमार ने कहा कि पार्टी के फैसले का सम्मान किया जाएगा और किसी भी नाम को लेकर अटकलें नहीं लगानी चाहिए. उन्होंने राहुल गांधी को विपक्ष के नेता और AICC अध्यक्ष के रूप में स्वीकार किया.

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DK Shiv Kumar
DK Shiv Kumar

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही अटकलों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि सरकार में किसी भी तरह के बदलाव को लेकर कोई चर्चा नहीं है और ये सिर्फ मीडिया की अटकलें हैं. डीके शिवकुमार ने कहा, 'हम कई तरह के लोगों मुख्यमंत्री, कारोबारी, मीडिया के लोग . सरकार बनने के समय क्या चर्चा हुई थी, उसे मैं सार्वजनिक नहीं कर सकता.'

उन्होंने साफ किया कि इस दौरे के दौरान वह किसी से कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं कर रहे हैं. अहिंदा (AHINDA) बैठक को लेकर पूछे गए सवाल पर डीके शिवकुमार ने कहा, 'मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.'  वहीं प्रियंका गांधी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने को लेकर चल रही चर्चाओं पर डीके शिवकुमार ने कहा कि वो इस तरह के किसी मुद्दे से अवगत नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'मेरे नेता AICC अध्यक्ष हैं और विपक्ष के नेता राहुल गांधी हैं. पार्टी जो भी फैसला लेगी, वह हमें स्वीकार होगा.' 

डीके शिवकुमार ने यह भी कहा कि किसी भी नाम को लेकर अटकलें नहीं लगाई जानी चाहिए. 'कांग्रेस पार्टी किसी भी दिन फैसला ले सकती है.' प्रियंका गांधी की भूमिका पर उन्होंने दोहराया कि उनका मकसद सिर्फ राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते देखना है.

कांग्रेस में नेतृत्व की अटकलें क्यों उठती रहती हैं?

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गौरतलब है कि कर्नाटक में मई 2023 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच नेतृत्व को लेकर अटकलें लगती रही हैं. सरकार गठन के वक्त पार्टी के भीतर सत्ता-साझेदारी के फॉर्मूले को लेकर लंबी बातचीत हुई थी, जिसके बाद सिद्धारमैया मुख्यमंत्री और डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री बने. डीके शिवकुमार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी मिली. समय-समय पर दिल्ली दौरों, बंद कमरों की बैठकों और गुटीय बैठकों को लेकर मीडिया में बदलाव की चर्चाएं उठती रहती हैं, लेकिन पार्टी नेतृत्व अब तक इन्हें खारिज करता रहा है और अंतिम फैसला हाईकमान के हाथ में बताता रहा है.

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