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'भगवान को टोपी पहनाकर हड़प लिए मंदिर...' ज्ञानवापी पर बोले बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय

Gyanvapi Mosque Row: बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि मुसलमानों को आने वाले दिनों में खुद ब खुद ज्ञानवापी से कब्जा छोड़ना पड़ेगा, क्योंकि वह जमीन हिंदू संस्कृति और हिंदू भाइयों के पूर्वजों की थी.

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बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय. (फाइल फोटो)
बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार के जमुई में दिया रामसूरत राय ने बयान
  • मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाने आए थे

काशी में ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे शिवलिंग मिलने के दावे और देश में कई मस्जिदों के नीचे मंदिर होने के दावों के बीच बिहार सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता रामसूरत राय ने एक विवादित बयान दिया है. रामसूरत राय ने कहा है कि जिस तरीके से हिंदू ईद के मौके मुसलमान भाइयों के घर पर जाते हैं तो मुस्लिम भाई उन्हें टोपी पहनाते हैं, ठीक उसी तरीके से मुसलमानों ने भगवान को भी टोपी पहनाकर सभी मंदिरों को हड़प लिया है और उस पर मस्जिद की स्थापना कर दी है.

रामसूरत राय ने कहा, आज जो खुद-ब-खुद भगवान किसी न किसी रूप में जमीन के अंदर से प्रकट हो रहे हैं. कहीं राधा कृष्ण के रूप में, कहीं शिव के रूप में और कहीं राम के रूप में. जैसे हम लोग आपके यहां ईद में आते हैं और मुस्लिम भाई हम लोगों को टोपी पहनाते हैं, उसी तरीके से उन लोगों ने भगवान को भी टोपी पहना दिया है और मंदिरों को हड़प लिया है.'' 

रामसूरत राय ने आगे कहा कि मुसलमानों को स्वतः आने वाले दिनों में उस जमीन पर से कब्जा छोड़ना पड़ेगा, क्योंकि वह जमीन हिंदू संस्कृति और हिंदू भाइयों के पूर्वजों की थी.

बिहार सरकार के भूमि सुधार और राजस्व मंत्री ने कहा, ''आज हम नहीं छीन रहे हैं बल्कि खुद-ब-खुद जमीन के अंदर से मंदिर निकल रहा है. आने वाले दिनों में उन्हें खुद जमीन पर से कब्जा छोड़ना पड़ेगा, क्योंकि वह जमीन हमारे पूर्वजों और हिंदू संस्कृति का हिस्सा है. उनके मुगलों ने जिस तरीके का शासन किया और साम्राज्य कायम किया, मंदिर तोड़कर के हड़प लिए. परिवर्तन संसार का नियम है और परिवर्तन के रूप में सब लोग आज देख रहे हैं.'' 

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केंद्र में बीजेपी सरकार के 8 साल पूरा होने पर मंत्री रामसूरत राय ने जमुई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था. इसी दौरान ज्ञानवापी के मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर मंत्री ने यह जवाब दिया. हालांकि, आखिर में मंत्री ने कहा कि ज्ञानवापी पर कोर्ट का जो फैसला होगा, वही हमें मान्य होगा.  

 

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