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'व्यापक अनुभव वाले नेता', अमित शाह ने NDA उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से की मुलाकात

एनडीए द्वारा राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाने को तमिलनाडु की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है, जहां भाजपा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है. इस कदम से सत्तारूढ़ डीएमके भी असमंजस में है, क्योंकि उसे तय करना होगा कि क्या वह अपने ही राज्य के नेता का समर्थन करेगी या विपक्षी गठबंधन के साथ खड़ी होगी.

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अमित शाह ने सी पी राधाकृष्णन से मुलाकात की (Photo: X/@AmitShah)
अमित शाह ने सी पी राधाकृष्णन से मुलाकात की (Photo: X/@AmitShah)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और उन्हें सार्वजनिक जीवन में लंबे अनुभव वाला अनुभवी नेता बताया. दरअसल, 17 अगस्त को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद राधाकृष्णन के नाम की औपचारिक घोषणा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की थी. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल रहे.

अमित शाह ने मुलाकात के बाद ट्वीट करते हुए लिखा, “एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन जी से मिला. वह संगठन और प्रशासन में व्यापक अनुभव रखने वाले वरिष्ठ नेता हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि अपने गहन अनुभव के बल पर वह भारत की राष्ट्रीय विमर्श को नई दिशा देंगे.”

यह उपचुनाव उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद हो रहा है. 74 वर्षीय धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से पद छोड़ दिया था. वह अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति बने थे और केवल दो साल का कार्यकाल पूरा कर पाए.

बता दें कि एनडीए द्वारा राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाने को तमिलनाडु की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है, जहां भाजपा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है. इस कदम से सत्तारूढ़ डीएमके भी असमंजस में है, क्योंकि उसे तय करना होगा कि क्या वह अपने ही राज्य के नेता का समर्थन करेगी या विपक्षी गठबंधन के साथ खड़ी होगी. संसद में डीएमके के 32 सांसद हैं और उसका रुख अहम साबित हो सकता है.

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1957 में तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे सीपी राधाकृष्णन ने 1974 में भारतीय जनसंघ से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. वह कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं. इसके अलावा वह तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष, कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष, झारखंड और महाराष्ट्र के राज्यपाल भी रह चुके हैं.

उनका राजनीतिक जीवन संगठन निर्माण, विधायी कार्यों और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति से जुड़ा रहा है. उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व संयुक्त राष्ट्र में भी किया और कई सामाजिक-आर्थिक अभियानों का नेतृत्व किया.

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