जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र मजबूत हुआ है. पहले तीन परिवारों तक सीमित राजनीति अब 34,000 से अधिक जनप्रतिनिधियों तक पहुंच गई है. जिला पंचायत चुनावों में 98.3% और आम चुनावों में 63% मतदान हुआ, जो आजादी के बाद का सबसे अधिक है. सरकार ने पंचायतों को 1000 करोड़ रुपये से अधिक सीधे दिए हैं. सदन को बताया गया कि प्रधानमंत्री के मन में कश्मीर की शांति का भूत था.