इंदौर में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने स्वास्थ्य और शिक्षा के व्यवसायीकरण पर चिंता जताते हुए कहा कि पहले स्वास्थ्य और शिक्षा को सेवा माना जाता था, लेकिन अब इनका व्यवसायीकरण हो गया है. निजी अस्पतालों में और स्कूलों में लाखों का खर्च आता है. संघ प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों ही आज आम आदमी की पहुचं से बाहर हैं.