तमिलनाडु स्थित लॉजिस्टिक्स कंपनी Wintrack Inc ने एक्स पर घोषणा की है कि वह 1 अक्टूबर से भारत में अपना आयात-निर्यात कारोबार बंद कर रही है. कंपनी ने दावा किया कि पिछले 45 दिनों से चेन्नई कस्टम्स की लगातार प्रताड़ना के कारण उसका व्यवसाय 'भारत में बर्बाद और तबाह' हो गया. कंपनी का कहना है कि इस साल उसने दो बार रिश्वतखोरी के मामलों का खुलासा किया था, जिसके बाद अधिकारियों ने बदले की कार्रवाई शुरू की.
कंपनी के संस्थापक प्रवीन गणेशन ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्पेशल इंटेलिजेंस एंड इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (SIIB) के कुछ अधिकारियों ने उनकी पत्नी की कंपनी से एक शिपमेंट, जिसकी कीमत 6,993 अमेरिकी डॉलर थी, के लिए 2.1 लाख रुपये से अधिक की रिश्वत मांगी. प्रवीन का यह भी आरोप है कि बातचीत के दौरान अधिकारियों ने रिश्वत पर '10 प्रतिशत छूट' देने की पेशकश तक की थी.
नेताओं और उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
इस घोषणा के बाद सियासी और कारोबारी हलकों से तीखी प्रतिक्रिया आई. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे 'शर्मनाक' बताते हुए कहा कि देश में अब भी भ्रष्टाचार गहराई से फैला हुआ है. उन्होंने कहा, 'ज्यादातर कंपनियां इसे 'व्यवसाय करने की कीमत' मानकर रिश्वत देती हैं. लेकिन ऐसा होना जरूरी नहीं है.'
मोहंदास पाई (चेयरमैन, Aarin Capital और पूर्व CFO, Infosys) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए लिखा, 'आप हमारे बंदरगाहों से भ्रष्टाचार को खत्म करने में नाकाम रहे हैं. कृपया कार्रवाई करें.'
चेन्नई कस्टम्स का जवाब
वहीं, चेन्नई कस्टम्स ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है. एक्स पर जारी एक विस्तृत बयान में विभाग ने कहा कि प्रवीन की कंपनी पर कई नियम उल्लंघन के मामले दर्ज हुए हैं.
कस्टम्स ने कहा कि कंपनी को कई बार सुनवाई का मौका दिया गया, देरी पर छूट दी गई और डिमरेज कम करने के लिए बॉन्डिंग परमिशन भी दी गई, लेकिन रिश्वत मांगने का आरोप पूरी तरह निराधार है. विभाग का आरोप है कि यह कंपनी जब भी नियमों के उल्लंघन में पकड़ी जाती है, तो 'भ्रष्टाचार' के आरोप लगाती है और विभाग की ओर से जवाब देने के बाद सोशल मीडिया पोस्ट हटा लेती है.