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आतंकी हमले की हिमाकत की तो घर में घुसकर मारेंगे... पाकिस्तान को जयशंकर की सख्त चेतावनी

जयशंकर इस वक्त यूरोप में ब्रसेल्स के दौरे पर हैं. आतंकवाद के खिलाफ भारत की शून्य-सहिष्णुता नीति को दोहराया. उन्होंने सोमवार को दिए एक मीडिया इंटरव्यू में कहा, "हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमारा संदेश स्पष्ट है कि अगर वे अप्रैल जैसे बर्बर हरकतें जारी रखते हैं, तो इसका जवाब दिया जाएगा, और यह जवाब आतंकी संगठनों और उनके नेतृत्व के खिलाफ होगा."

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को दी बड़ी चेतावनी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को दी बड़ी चेतावनी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को चेतावनी दी कि अगर आतंकी हमलों के जरिए भारत को उकसाया गया, तो भारत पाकिस्तान पर भीतर घुसकर वार करेगा. पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पनाह देने और उन्हें ट्रेनिंग देने का आरोप लगाते हुए, जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकी हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा और इसका जवाब कड़ा होगा.

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हमारा संदेश स्पष्ट हैः जयशंकर
जयशंकर इस वक्त यूरोप में ब्रसेल्स के दौरे पर हैं. आतंकवाद के खिलाफ भारत की शून्य-सहिष्णुता नीति को दोहराया. उन्होंने सोमवार को दिए एक मीडिया इंटरव्यू में कहा, "हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमारा संदेश स्पष्ट है कि अगर वे अप्रैल जैसे बर्बर हरकतें जारी रखते हैं, तो इसका जवाब दिया जाएगा, और यह जवाब आतंकी संगठनों और उनके नेतृत्व के खिलाफ होगा."

उन्होंने आगे कहा, 'हमें परवाह नहीं कि वे कहां हैं. अगर वे पाकिस्तान के भीतरी इलाकों में हैं, तो हम पाकिस्तान में उतने भीतर तक जाएंगे.' भारत और पाकिस्तान, दो परमाणु हथियारों से लैस पड़ोसियों के बीच तनाव 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ गया था. इस आतंकी घटना में 26 लोगों की जान चली गई. भारत ने जवाब में 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए.

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चार दिनों तक दोनों देशों क्यों रही टक्कर
चार दिन तक दोनों देशों में टकराहट रही और 10 मई को दोनों पक्षों के डीजीएमओ के बीच बातचीत के बाद समाप्त हुई, जिसमें सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति बनी. भले ही अभी की टकराहट खत्म हो गई है, लेकिन जयशंकर ने चेतावनी दी कि मूल मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं. उन्होंने पाकिस्तान को एक ऐसा देश बताया, जो "आतंकवाद को स्टेट पॉलिसी के तौर पर यूज करता है. यही पूरा मुद्दा है.' 

जब उनसे पूछा गया कि क्या पिछले महीने संघर्ष का कारण बने हालात अभी भी मौजूद हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, 'अगर आप आतंकवाद के प्रति प्रतिबद्धता को तनाव का सोर्स कहते हैं, तो बेशक यह हालात मौजूद हैं.'

राफेल पर क्या बोले विदेश मंत्री
सैन्य नुकसान के बारे में पूछे जाने पर, जयशंकर ने संकेत दिया कि संबंधित प्राधिकरण उचित समय पर इस मामले को संबोधित करेंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के लड़ाकू विमानों और मिसाइलों ने पाकिस्तानी वायु सेना को 'कहीं अधिक व्यापक नुकसान' पहुंचाया, जिसके चलते अंततः पाकिस्तान को शांति की मांग करनी पड़ी.
जयशंकर ने कहा, 'मेरे लिए, राफेल कितना असरदार रहा या और दूसरे सिस्टम कितने प्रभावी रहे, मेरे लिए इसका सबूत देने के लिए पाकिस्तान के नष्ट किए गए हवाई अड्डे हैं.'

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उन्होंने आगे कहा, "10 तारीख को लड़ाई केवल एक कारण से रुकी, और वह यह था कि 10 तारीख की सुबह, हमने पाकिस्तान के आठ मुख्य हवाई अड्डों पर हमला किया और उन्हें अक्षम कर दिया." उन्होंने गूगल पर मौजूद तस्वीरों का हवाला दिया, जिनमें क्षतिग्रस्त रनवे और हैंगर दिखाई दे रहे हैं. अपनी सप्ताह भर की यूरोप यात्रा के दौरान, जयशंकर यूरोपीय संघ, बेल्जियम और फ्रांस के नेताओं के साथ चर्चा करने वाले हैं. इन वार्ताओं का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ नीति को दोहराना है.

आतंकवाद किसी भी तरीके से स्वीकार नहीं किया जाएगाः जयशंकर
पहलगाम हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान के शत्रुतापूर्ण इरादों और आतंकवाद के प्रति भारत के निर्णायक जवाब के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ संवाद करने के लिए 33 वैश्विक राजधानियों में सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे. भारत ने आतंकी ठिकानों के खिलाफ सटीक और निर्णायक हमलों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बार-बार दोहराया है.

जयशंकर ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत का रुख आतंकवाद के प्रति पूरी तरह से असहिष्णु है. उन्होंने कहा, "हमारा संदेश स्पष्ट है: आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा. हमने पहले भी इसका जवाब दिया है, और अगर जरूरत पड़ी तो भविष्य में भी ऐसा ही करेंगे." 

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उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान की आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियों के बारे में स्पष्ट रूप से अवगत कराया है. "हमने 33 देशों में अपने प्रतिनिधिमंडल भेजे ताकि दुनिया को यह समझाया जा सके कि पाकिस्तान किस तरह आतंकवाद को अपने नीतिगत हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है. यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे हमें वैश्विक मंच पर उठाते रहना होगा."

जयशंकर ने यह भी जोड़ा कि भारत की सैन्य कार्रवाइयां न केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए थीं, बल्कि यह संदेश देने के लिए भी थीं कि भारत अपनी सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा. "हमारी कार्रवाइयां सटीक और प्रभावी थीं. हमने यह सुनिश्चित किया कि आतंकी ढांचे को अधिकतम नुकसान पहुंचे, जबकि नागरिकों को नुकसान न हो."

पाकिस्तान के साथ भविष्य के संबंधों के बारे में पूछे जाने पर, जयशंकर ने कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन यह शांति तभी संभव होगी जब पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद कर दे. 'हम अपने पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन यह तभी संभव है जब आतंकवाद का समर्थन बंद हो."
उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं का उपयोग केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया, न कि व्यापक युद्ध के लिए. "हमारा उद्देश्य आतंकवाद को खत्म करना है, न कि युद्ध शुरू करना. लेकिन अगर हमें उकसाया गया, तो हम चुप नहीं रहेंगे."

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