आम्रपाली की आवासीय परियोजनाओं में अतिरिक्त फ्लैटों के निर्माण के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेश्यो (FAR) की खरीद को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है. इस आदेश से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली की विभिन्न आवासीय परियोजनाओं में खाली जमीन पर 10 हजार से अधिक अतिरिक्त फ्लैटों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.
वर्षों से अटकी और लटकी आम्रपाली ग्रुप की परियोजनाओं को पटरी पर लाने की जद्दोजेहद में जुटी सरकारी कंपनी एनबीसीसी अतिरिक्त फ्लैट बनाने की कवायद कर रही थी. ताकि धन की कमी दूर कर परियोजनाएं पूरी की जा सकें. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों से अतिरिक्त एफएआर खरीद वाली पेशकश पर हामी भर दी.
किया जा चुका है 600 करोड़ से अधिक का भुगतान
अतिरिक्त एफएआर के बदले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 18 फीसदी जीएसटी सहित 604.64 करोड़ रुपये और नोएडा प्राधिकरण को 258.4 करोड़ रुपये मिलेंगे. आम्रपाली की फंसी हुई परियोजनाएं पूरा कराने के लिए रिसीवर नियुक्त किए गए भारत के अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 604.64 करोड़ में से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 115 करोड़ रुपये का भुगतान किया भी जा चुका है.
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सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को वेंकटरमणी, परियोजना का काम पूरा कर रही एनबीसीसी के वकील सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे, दोनों प्राधिकरणों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मौजूदा घर खरीददारों की ओर से पेश हो रहे वकील को एक बैठक करने और एफएआर का मसला सुलझाने को कहा था.
कोर्ट ने तय किया था ये फॉर्मूला
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अटार्नी जनरल वेंकटरमणी के कार्यालय में 26 अगस्त को बैठक हुई और यह तय किया गया है कि अतिरिक्त एफएआर के बदले में दोनों प्राधिकरणों को कैसे भुगतान किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए बैठक के मसौदे के मुताबिक जनवरी, 2025 तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 242.46 करोड़ और नोएडा प्राधिकरण को 129.12 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाए.
इतनी ही रकम की अगली किस्त मार्च, 2025 तक भुगतान किया जाना है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त एफएआर खरीद को मंजूरी देते हुए कहा कि सभी पक्ष सहयोग करेंगे.