सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली से लापता हुई रूसी महिला और उसके साढ़े चार साल के बच्चे के मामले के सुनवाई हुई. सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया कि इस मामले को सुलझाने के लिए वह राजनयिक मदद लें. साथ ही रूस को द्विपक्षीय समझौते को भी याद दिलाने को कहा, जो दोनों देशों को उनके देश में मौजूद व्यक्तियों को खोजने में मदद करने का दायित्व देता है.
रूसी महिला का नाम विक्टोरिया बसु है. विक्टोरिया का अपने भारतीय पति सायकत बसु के साथ बच्चे को लेकर कस्टडी विवाद चल रहा है. महिला और बच्चा 7 जुलाई से ही लापता हैं.
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि ये मामला बस अब कानूनी नहीं रह गया है. इसमें कूटनीतिक पहल की आवश्यकता है. अनुच्छेद 9 क तहत पहचान और रिकॉर्ड की जा सकती है. एएसजी ऐश्वर्या भाटी को निर्देश दिया गया कि भारतीय दूतावास रूस में संबंधित अधिकारियों से संपर्क करे.
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को खोजबीन करने और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था.
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एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि विदेश मंत्रालय ने रूस को नोट वर्बेल और ब्लू कॉर्नर नोटिस भेजा था, लेकिन रूसी अधिकारियों ने निजता कानून का हवाला देकर जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को भारत-रूस संधि का हवाला देकर फिर से अनुरोध करने को कहा.
सैकत बासु ने दावा किया कि विक्टोरिया को आखिरी बार दिल्ली में रूसी दूतावास के पिछले द्वार से एक अधिकारी के साथ जाते हुए देखा गया था, और संदेह जताया कि वे भारत छोड़ चुके हो सकते हैं.