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राजस्थान: गहलोत ने तबादलों से रोक हटाई, नाराज विधायकों को साधने की कोशिश

राज्यसभा की 57 सीटों पर 10 जून को चुनाव होंगे. राज्यसभा की इन 57 सीटों में से सबसे ज्यादा 11 सीटें उत्तर प्रदेश से हैं और चार सीटें राजस्थान की हैं. यहां चार राज्यसभा सीटों में से दो सीटें कांग्रेस और एक सीट बीजेपी को मिलनी तय है.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तबादलों से रोक हटा दी है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तबादलों से रोक हटा दी है.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • RS चुनाव में 'बाहरी' कंडीडेट का किया जा रहा विरोध
  • सरकार ने विधायकों की पुरानी मांग पर लिया बड़ा निर्णय

राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में बाहरी प्रत्याशी के खिलाफ कांग्रेस विधायकों में नाराजगी देखी जा रही है. इस बीच, गहलोत सरकार ने विधायकों को मनाने की कवायद शुरू कर दी है. सोमवार को सरकार ने प्रदेश में तबादलों पर लगी रोक हटा ली है. इसे राज्यसभा चुनाव से पहले विधायकों के लिए बड़ा तोहफा माना जा रहा है. 

राजस्थान में सभी विभागों में तबादलों पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया है और तबादले खोल दिए गए हैं. माना जा रहा है कि चौथे उम्मीदवार के रूप में बीजेपी के निर्दलीय उतारने के बाद नाराज कांग्रेसी और निर्दलीय विधायक खेल खराब कर सकते हैं. ऐसे में विधायकों को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ये बड़ा निर्णय लिया है. 

बाहरी उम्मीदवार बताकर नाराज हो रहे विधायक

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार और सिरोही के विधायक संयम लोढ़ा ने राजस्थान में राज्यसभा के तीनों बाहरी चेहरे उतारने के खिलाफ बयान जारी किया है. लोढ़ा ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस कार्यकर्ता में भारी निराशा है. कांग्रेस आलाकमान अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे. लोढ़ा निर्दलीय जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए थे.

बड़े नेता हैं... राज्यसभा पर जिंदा रहना चाहते हैं

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राजस्थान कांग्रेस के विधायक भरत सिंह ने सीएम गहलोत को पत्र लिखकर तंज कसा है. उन्होंने कांग्रेस के राज्यसभा से तीनों बाहरी उम्मीदवार बनाए जाने पर कहा कि बड़े नेता हैं. ये चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं रखते हैं. राज्यसभा पर जिंदा रहना चाहते हैं. 

तीनों उम्मीदवार बोले- बाद में जवाब देंगे

कांग्रेस ने हरियाणा के रणदीप सिंह सुरजेवाला, यूपी के प्रमोद तिवारी और महाराष्ट्र के मुकुल वासनिक को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार चुना है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार और विधायक संयम लोढ़ा ने इनकी उम्मीदवारी की घोषणा होते ही ट्विट कर कहा था कि पार्टी को बताना चाहिए कि राजस्थान से किसी को उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया.
उधर, रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत तीनों उम्मीदवारों ने बाहरी के सवाल पर कहा है कि इस मसले पर वह बाद में जवाब देंगे.

राजस्थान में चौथी सीट के लिए लड़ाई

बता दें कि राज्यसभा की 57 सीटों पर 10 जून को चुनाव होंगे. राज्यसभा की इन 57 सीटों में से सबसे ज्यादा 11 सीटें उत्तर प्रदेश से हैं और चार सीटें राजस्थान की हैं. यहां चार राज्यसभा सीटों में से दो सीटें कांग्रेस और एक सीट बीजेपी को मिलनी तय है जबकि चौथी सीटें के लिए सियासी संग्राम मचेगा. क्योंकि निर्दलीय, बीटीपी, आरएलपी और माकपा के सदस्य के समर्थन से ही जीत मिल सकेगी. हालांकि, निर्दलीयों के समर्थन से कांग्रेस का पलड़ा फिलहाल भारी दिख रहा है. 

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राजस्थान में कांग्रेस के 108, भाजपा के 71, निर्दलीय 13, आरएलपी 3, बीटीपी 2, माकपा 2, आरएलडी 1 विधायक हैं. राज्यसभा की एक सीट के लिए 51 विधायकों का समर्थन चाहिए. इस लिहाज से कांग्रेस अपने अतरिक्त वोटों के साथ-साथ निर्दलीय और अगर अन्य छोटी पार्टियों का समर्थन जुटा लेती है तो तीसरी सीट पर काबिज हो सकती है. 

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