संसद का बजट सत्र अब संपन्न हो गया है. संसद के बजट सत्र के अंतिम दिन भी दोनों सदनों में हंगामा हुआ. विपक्षी सांसदों ने अडानी मुद्दे की जेपीसी जांच की मांग को लेकर नारेबाजी की. लोकसभा में विपक्ष के सांसद वेल में आ गए और राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे भी लगाए. संसद के दोनों सदनों में हंगामे के कारण बजट सत्र के अंतिम दिन भी कार्यवाही नहीं चल सकी और अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.
राज्यसभा में सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने अडानी मुद्दे की जांच की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी. विपक्ष की नारेबाजी के बीच राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों से कार्यवाही के लिए सूचीबद्ध प्रपत्र सदन पटल पर रखने के लिए कहा. सदस्यों ने हंगामे के बीच ही सभा पटल पर अपने नाम के आगे अंकित पत्र रखे.
इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने अडानी ग्रुप पर लगे गंभीर आरोप पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत छह नोटिस मिलने की जानकारी दी. इस पर विपक्ष की ओर से शोर शुरू हो गया. सभापति जगदीप धनखड़ ने इसके बाद दिग्विजय सिंह की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये आज ब्लैक हैं, बाकी लोग नहीं. दिग्विजय सिंह काले कपड़ों में सदन की कार्यवाही में शामिल होने पहुंचे थे. इस पर दिग्विजय सिंह ने सत्तापक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि इन लोगों की वजह से. इसके बाद सत्तापक्ष के सांसदों ने भी हंगामा शुरू कर दिया.
सत्तापक्ष के सांसदों ने राहुल गांधी माफी मांगो के नारे लगाने शुरू कर दिए. राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि बिना माफी मांगे कोई नहीं बोलेगा. विपक्षी सदस्य भी जवाब में नारेबाजी करने लगे. दोनों तरफ से हंगामा और नारेबाजी होने लगी तब सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी.
दोपहर दो बजे जब राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, सभापति जगदीप धनखड़ ने कार्यवाही के दौरान वीडियो बनाने के आरोप में इस सत्र से निलंबित कांग्रेस सांसद रजनी अशोकराव पाटिल का सस्पेंशन इस सत्र के आगे भी बढ़ाए जाने की बात कही. उन्होंने इसके पीछे प्रिविलेज कमेटी की सिफारिश का हवाला दिया. इसके बाद विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी. विपक्ष के हंगामे के बाद सभापति धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी.
इससे पहले, डीएमके सांसद तिरुचि शिवा और कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने राहुल गांधी के बयान की राज्यसभा में चर्चा को लेकर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की आपत्ति खारिज करने के सभापति के फैसले को लेकर स्पष्टीकरण की मांग की. तिरुचि शिवा और शक्ति सिंह गोहिल ने ये पूछा कि चेयरमैन ने किस तरह से ये निर्णय लिया था. तिरुचि शिवा ने नियमों का भी जिक्र किया और निर्णय पर आपत्ति जताई.