केंद्र सरकार ने देश में जातिगत जनगणना कराने की घोषणा कर दी है. इसे जनगणना के साथ ही कराने का फैसला किया गया है. इस ऐलान के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सरकार के फैसले का स्वागत किया. हालांकि उन्होंने कुछ अहम मांगें भी सरकार के समक्ष रखीं.
राहुल गांधी ने कहा, “हमने संसद में साफ कहा था कि जातिगत जनगणना कराएंगे और 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को खत्म करेंगे. अब जब केंद्र सरकार ने जाति जनगणना कराने का ऐलान किया है, तो हम इसे समर्थन देते हैं. लेकिन हम यह भी जानना चाहते हैं कि ये जनगणना कब कराई जाएगी.”
उन्होंने आगे कहा, “हम मोदी जी की इस बात से सहमत हैं कि देश में सिर्फ चार जातियां हैं. (गरीब, मध्यम वर्ग, अमीर और बहुत अमीर), लेकिन इन चारों के भीतर भी कौन कहां खड़ा है, यह जानने के लिए जातिगत आंकड़े जरूरी हैं. जाति जनगणना पहला कदम है, लेकिन हमें इससे आगे भी बढ़ना होगा.”
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कांग्रेस की चार बड़ी मांगें-
-केंद्र सरकार जल्द से जल्द इसकी टाइमलाइन घोषित करे: राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि जनगणना कब और कैसे कराई जाएगी.
-तेलंगाना मॉडल को अपनाने की सलाह: उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार तेलंगाना सरकार की तरह तेज़, पारदर्शी और समावेशी जाति सर्वे मॉडल अपनाए.
-50% आरक्षण सीमा हटाने की फिर से वकालत: राहुल गांधी ने दोहराया कि जातिगत आंकड़ों के आधार पर 50 फीसदी आरक्षण की वर्तमान संवैधानिक सीमा को हटाना जरूरी होगा ताकि न्यायसंगत हिस्सेदारी सुनिश्चित की जा सके.
-निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू हो: राहुल गांधी ने कहा कि सरकारी संस्थानों की तरह ही निजी संस्थानों में भी आरक्षण लागू होना चाहिए. सामाजिक न्याय केवल सरकारी नौकरियों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि निजी क्षेत्र में भी समान अवसर सुनिश्चित किए जाने चाहिए.
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सरकार से सहयोग का प्रस्ताव
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जातिगत जनगणना को डिजाइन करने में सरकार को पूरी मदद करेगी. उन्होंने कहा, "यह हमारा विजन था और हम इसे सपोर्ट करते हैं. हमने सरकार पर पर्याप्त दबाव डाला है ताकि वह कार्रवाई करे. 11 साल बाद केंद्र सरकार ने अचानक जातिगत जनगणना की घोषणा की है. यह सामाजिक न्याय की दिशा में पहला कदम है. हर कांग्रेस कार्यकर्ता और सामाजिक न्याय के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता बधाई के पात्र हैं. मैं उन पर गर्व करता हूं."
Based on the vision and direction of
Shri @RahulGandhi Ji who first demanded a nation-wide Caste Census during his historic #BharatJodoYatra Telangana is the first State to conduct caste survey last year.
This was the first in Independent #India, the last one being in 1931 by… pic.twitter.com/7dNABdwqM7
— Revanth Reddy (@revanth_anumula) April 30, 2025
तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी ने किया ट्वीट
तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी ने ट्वीट कर कहा, "राहुल गांधी की दूरदृष्टि और दिशा के आधार पर, जिन्होंने अपनी ऐतिहासिक #BharatJodoYatra के दौरान पहली बार राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की मांग की थी, तेलंगाना पिछले साल जाति सर्वेक्षण करने वाला पहला राज्य है. स्वतंत्र भारत में यह पहला सर्वेक्षण था, आखिरी सर्वेक्षण 1931 में अंग्रेजों द्वारा किया गया था. राज्यव्यापी व्यापक सामाजिक, आर्थिक, जाति सर्वेक्षण किया गया और पाया गया कि 56.32 प्रतिशत आबादी पिछड़ी जातियों की है. तेलंगाना राज्य विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर, राज्य ने शिक्षा, कार्य और राजनीतिक पदों में ओबीसी के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण का संकल्प और प्रस्ताव भी रखा. तेलंगाना कांग्रेस ने राष्ट्रीय राजधानी सहित पूरे देश में संघर्ष किया और #JantarMantar पर विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि केंद्र सरकार #CasteCensus के लिए सहमत हो. आज, आखिरकार, हमने साबित कर दिया कि तेलंगाना आज जो करता है, भारत कल उसका अनुसरण करेगा."