भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक भारत के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर कई मुद्दों पर बातचीत की. इस बीच ऐसी संभावना जताई गई कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत में भूटान नरेश ने डोकलाम मुद्दे पर भी चर्चा की.
विदेश सचिव विनय क्वात्रा से जब इस बारे मे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सुरक्षा सहयोग के संबंध में भारत और भूटान एक दूसरे के संपर्क में हैं. क्वात्रा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भूटान नरेश के भारत दौरे से हमें एक ऐसा अवसर मिला, जिससे हम विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने का खाका तैयार कर सकते हैं.
उन्होंने बताया कि मोदी और भूटान नरेश की बैठक में राष्ट्रहित सहित द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत हुई. दरअसल भूटान नरेश सोमवार से तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं. उनका यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत ने भूटान पर चीन के बढ़ते प्रभुत्व को लेकर चिंता जताई है.
यह चिंता डोकलाम को लेकर भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग की टिप्पणी के बाद सामने आई है. हालांकि, भूटान यह कहता रहा है कि सीमा विवाद को लेकर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
क्या कहा था भूटान के पीएम ने?
डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच जारी विवाद के बीच भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने हाल में कहा था कि चीन ने हमारे क्षेत्र में कोई घुसपैठ नहीं की है. इस बयान से भारत की चिंता बढ़ गई थी.
बता दें कि भूटान रणनीतिक रूप से भारत के लिए एक महत्वपूर्ण देश है. बीते कुछ सालों में दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों में काफी विस्तार हुआ है.
विवाद की जड़
2017 में डोकलाम में भारत और चीन के सैनिकों के बीच 73 दिनों तक चले गतिरोध की वजह से बीते कुछ सालों में दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव रहा है. 2017 का यह डोकलाम गतिरोध उस समय शुरू हुआ, जब चीन ने उस क्षेत्र में सड़क बनाने का काम शुरू किया. इस पर भूटान का कहना है कि इस इलाके पर उस हक है.
भारत ने उस समय चीन के सड़क निर्माण कार्य का यह कहते हुए विरोध किया था कि इससे सुरक्षा हित प्रभावित होंगे. कई दौर की वार्ता के बाद भारत और चीन के बीच यह गतिरोध सुलझा था. अक्टूबर 2021 में भूटान और चीन ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए एक समझौता किया था.
मालूम हो कि चीन के साथ भूटान की 400 किलोमीटर सीमा लगती है. इस विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच 24 दौर की वार्ता हुई थी. भूटान के प्रधानमंत्री ने हाल के एक इंटरव्यू में कहा था कि डोकलाम में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए चीन की बराबर भूमिका है. बता दें कि भारत लंबे समय से भूटान का शीर्ष ट्रेडिंग पार्टनर रहा है और भूटान में निवेश का मुख्य स्रोत भारत ही है.