
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को त्रिपुरा के गोमती जिले में स्थित पुनर्विकसित त्रिपुरेश्वरी मंदिर का उद्घाटन किया और वहां पूजा-अर्चना की. यह मंदिर 500 सालों से अधिक पुराना है और भारत के प्रमुख 51 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है.
इस धार्मिक स्थल का पुनर्विकास केंद्र सरकार की पिलग्रिमेज रेजुवेनेशन एंड स्पिरिचुअल ऑग्मेंटेशन ड्राइव (PRASAD) योजना के तहत लगभग 52 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हुआ है. प्रधानमंत्री ने मंदिर परिसर में लगी इतिहास प्रदर्शनी का भी दौरा किया, जहां उन्हें PWD सचिव किरण गिट्टे ने मंदिर के इतिहास और पुनर्निर्माण कार्यों की विस्तृत जानकारी दी.
मंदिर के निर्माण की शुरुआत 1501 में महाराजा धन्य मनिक्य द्वारा की गई थी. उद्घाटन समारोह में त्रिपुरा के राज्यपाल एन इंद्रसेना रेड्डी, मुख्यमंत्री मनिक साहा और अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी उपस्थित थे. ख़राब मौसम के बावजूद, हजारों श्रद्धालु मंदिर के बाहर प्रधानमंत्री मोदी को देखने के लिए विशाल भीड़ जुटी.
मंत्री बिप्लब कुमार देब ने प्रधानमंत्री मोदी की 11 सालों में त्रिपुरा की 11वीं यात्रा को राज्य के प्रति उनके गहरे लगाव का प्रतीक बताया. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने पारंपरिक धोती पहनकर पूजा की, जो उनकी स्पिरिचुअल भावनाओं को दर्शाता है.

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प्रधानमंत्री ने मंदिर की पूजा नववर्ष के शुभ अवसर पर की, जिससे इस धार्मिक स्थल के महत्व और देशवासियों की आध्यात्मिक भावना को और बल मिला. इसके अलावा त्रिपुरा सरकार अन्य धार्मिक स्थलों के पुनर्विकास से पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है.
प्रधानमंत्री मोदी ने दिन की शुरुआत महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डा एयरपोर्ट से की, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. इसके बाद हेलीकॉप्टर से पलटाना पहुंचे और फिर सड़क मार्ग से मंदिर का दौरा किया.