प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह में शिरकत की है. उन्होंने अपने भाषण में कहा कि 'विविधता में एकता' भारत की आत्मा है, लेकिन जाति, भाषा, क्षेत्रवाद और अतिवादी सोच से प्रेरित विभाजन राष्ट्र को कमजोर कर सकता है.
उन्होंने सामाजिक समानता का अर्थ वंचितों को प्राथमिकता देकर सामाजिक न्याय की स्थापना करना और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना बताया.
इसके साथ ही, आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने इस मौके पर भारत सरकार को संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का जारी करने के निर्णय के लिए धन्यवाद दिया.
PM मोदी ने 'विविधता में एकता' पर दिया जोर...
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी स्पीच में कहा कि 'विविधता में एकता' ही भारत की आत्मा है. हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि जाति, भाषा, क्षेत्रवाद और अतिवादी सोच से प्रेरित विभाजन का अगर सामना नहीं किया गया तो यह राष्ट्र को कमजोर कर सकता है. उन्होंने सामाजिक समानता का अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका मतलब है- वंचितों को प्राथमिकता देकर सामाजिक न्याय की स्थापना करना और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना.
'एकता, संस्कृति और सुरक्षा पर सीधा हमला...'
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज, ऐसे संकट उभर रहे हैं, जो हमारी एकता, संस्कृति और सुरक्षा पर सीधा हमला करते हैं. उन्होंने अतिवादी सोच, क्षेत्रवाद, जाति-भाषा पर विवाद और बाहरी ताकतों द्वारा भड़काए गए विभाजन जैसी अनगिनत चुनौतियों को हमारे सामने बताया है. उन्होंने इन चुनौतियों का सामना करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
यह भी पढ़ें: RSS ने JNU में 'पथ संचलन' मार्च निकाला, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो
शताब्दी वर्ष पर स्मारक सिक्का और डाक टिकट...
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि कल की विजयादशमी संघ की जीवन यात्रा में एक स्पेशल विजयादशमी है. उन्होंने कहा कि संघ ने 100 वर्ष पूर्ण करते हुए कल 101वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. होसबाले ने कहा कि इस संदर्भ में भारत सरकार ने संघ के 100 वर्ष के इस विशेष अवसर पर डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का जारी करने का निर्णय किया है. उन्होंने कहा कि यह संघ के स्वयंसेवकों के लिए सहज आनंद का विषय है.
होसबाले ने दिया भारत सरकार को धन्यवाद
दत्तात्रेय होसबाले ने देश और विश्व भर में फैले संघ के सभी स्वयंसेवकों की ओर से भारत सरकार को विशेष धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि सरकार की यह सत्परंपरा है कि वह देश समाज में किसी भी सेक्टर में विशेष योगदान देने वाले शख्स या संस्था को मान्यता, गौरव और सम्मान देती है. उन्होंने माना कि संघ के शताब्दी वर्ष में भारत सरकार ने एक प्रतिनिधि बनकर संघ के कार्य को मान्यता दी है.