प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को 'सुपर कैबिनेट' मीटिंग की, जिसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल के कुछ टॉप मंत्री मौजूद थे. एक हफ्ते पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों (ज्यादातर पर्यटक) की मौत हो गई थी. पीएम मोदी ने बुधवार को राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की. इससे पहले उन्होंने सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की.
यह दूसरी बार है जब सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी ने जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद बैठक की. इस कमेटी में भारत के प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री शामिल रहे.
हालांकि, यह दूसरी कैबिनेट बैठक है, जो कई मायने में अहम है. राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी को 'सुपर कैबिनेट' के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल के टॉप मिनिस्टर्स शामिल होते हैं. CCPA की आखिरी बैठक 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद हुई थी, जिसमें भारत ने बालाकोट हवाई हमले के साथ जवाब दिया था.
बुधवार को लगातार कैबिनेट पैनल की बैठक प्रधानमंत्री द्वारा मंगलवार को नई दिल्ली में अपने आवास पर बुलाई गई हाई लेवल मीटिंग के एक दिन बाद हुई है. सूत्रों ने India Today TV को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हुई बैठक में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले का जवाब देने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों को पूरी आजादी दी.
CCS मीटिंग में कश्मीर सुरक्षा की समीक्षा
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की संभावित प्रतिक्रिया के बारे में अटकलों के बीच सीसीएस मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के अंदर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई. पहलगाम हमले पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा टॉप डिफेंस ऑफिसर्स के साथ बैठक करने के एक दिन बाद सीसीएस की बैठक हुई.
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इससे पहले कब बुलाई गई थी ऐसी मीटिंग?
CCPA की बैठक हर बार बड़े मौकों पर बुलाई गई है. ऐसी ही एक बैठक फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद हुई थी, जहां सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई थी और आतंकवाद का मुकाबला करने की रणनीतियों पर चर्चा की गई थी. कुछ दिनों बाद, 26 फरवरी, 2019 को इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले किए.
राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) के मौजूदा सदस्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हैं, जो इसके अध्यक्ष हैं. इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी हैं.
पाकिस्तान और आतंकवाद पर डोजियर तैयार
सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार पाकिस्तान और आतंकवाद पर एक डोजियर तैयार किया गया है. इसमें बताया जाएगा कि आतंक को समर्थन करने का पाकिस्तान का कितना लंबा इतिहास रहा है और दुनिया भर में आतंकवादी घटनाओं में पाकिस्तान का हाथ रहा है.
वहीं, पाकिस्तान के टॉप लीडर्स ने वक्त-वक्त पर ये कुबूला किया है कि वह भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देता है. साथ ही पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल लॉन्च पैड के तौर पर किया जाता है.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने हाल में माना कि कई दशकों से पाकिस्तान ने आतंकवाद को समर्थन दिया. इससे पहले पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ ने माना था कि 26/11 मुंबई हमलों में पाकिस्तान का हाथ था. मुशर्रफ ने भी आतंकवादी ट्रेनिंग कैंपों की बात स्वीकार की थी.
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पहलगाम में क्या हुआ था?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में करीब 6 आतंकवादियों ने करीब पांच से छह आतंकवादियों ने पहलगाम से लगभग 5 किलोमीटर दूर बैसरन घाट में पर्यटकों के एक समूह पर गोलीबारी की. इसमें कुल 26 लोगों की मौत हुई थी. पहलगाम हमला के वर्षों में कश्मीर घाटी में सबसे घातक नागरिक हमलों में से एक था. लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा, द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली.