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ग्रामीण इलाकों में कम हुआ NDA का वोट शेयर, जानिए वोटर्स ने किस पर जताया भरोसा

कांग्रेस को ग्रामीण समर्थन में मामूली वृद्धि देखने को मिली. कांग्रेस का ग्रामीण वोट शेयर 21 प्रतिशत हो गया, जो 2019 के चुनाव परिणामों की तुलना में 2 प्रतिशत बढ़ा है. जबकि कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों को ग्रामीण इलाकों में जबर्दस्त समर्थन मिला है. उनके ग्रामीण वोट शेयर में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

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ग्रामीण इलाकों में एनडीए का वोट शेयर घटा (फाइल फोटो- पीटीआई)
ग्रामीण इलाकों में एनडीए का वोट शेयर घटा (फाइल फोटो- पीटीआई)

लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं. इसमें बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. भगवा पार्टी ने जहां 240 सीटें हासिल की हैं, वहीं एनडीए गठबंधन ने 293 सीटों हासिल की हैं. इसके साथ ही एनडीए अलायंस सरकार बनाने जा रहा है. हालांकि एनडीए गठबंधन के पास बहुमत के आंकड़े 272 से सिर्फ 21 सीटें ज्यादा हैं. वहीं विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने 234 सीटें हासिल की हैं. इस चुनाव में बीजेपी ने अपने पिछले चुनाव की तुलना में 63 सीटें कम हासिल की हैं. साथ ही गठबंधन के प्रदर्शन में भी गिरावट दर्ज की गई है. इसका एक बड़ा कारण है ग्रामीण इलाकों में वोटों में गिरावट. 

एक्सिस माय इंडिया द्वारा किए गए पोस्ट-पोल सर्वे के अनुसार भाजपा ने ग्रामीण इलाकों में 35 प्रतिशत वोट हासिल किया, जो किसी भी पार्टी द्वारा सबसे ज़्यादा है. हालांकि 2019 के चुनाव की तुलना में इसमें 1 प्रतिशत की गिरावट है. पार्टी के सहयोगियों ने अपने ग्रामीण क्षेत्रों में वोट शेयर को 8 प्रतिशत पर बनाए रखा, जो पिछले चुनाव की तुलना में ज्यादा बदलान नहीं दर्शाता है.  इसका मतलब है कि हर 100 मतदाताओं में से 43 ने एनडीए को वोट दिया. एनडीए का प्रदर्शन अपने आप में उल्लेखनीय है, लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी इंडिया ब्लॉक ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया. 

कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों का वोट शेयर बढ़ा

विपक्षी मोर्चे पर सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को ग्रामीण समर्थन में मामूली वृद्धि देखने को मिली.  कांग्रेस का ग्रामीण वोट शेयर 21 प्रतिशत हो गया, जो 2019 के चुनाव परिणामों की तुलना में 2 प्रतिशत बढ़ा है. जबकि कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों को ग्रामीण इलाकों में जबर्दस्त समर्थन मिला है. उनके ग्रामीण वोट शेयर में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 2019 की तुलना में यह इस बार 21 प्रतिशत तक पहुंच गया. आंकड़ों के मुताबिक पिछले चुनाव में 100 में से केवल 29 मतदाताओं ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों को चुना था, इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में 100 में से 42 मतदाताओं ने इंडिया ब्लॉक के पक्ष में अपना वोट डाला.

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इन क्षेत्रीय दलों को लगा झटका

ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे बड़ा झटका क्षेत्रीय दलों को लगा, जिनका संयुक्त वोट शेयर 2024 के चुनावों में 14 प्रतिशत गिरकर केवल 15 प्रतिशत रह गया. इनमें उत्तर प्रदेश में बीएसपी, आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी, तमिलनाडु में AIADMK और DMK, पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और ओडिशा में बीजेडी जैसी पार्टियां शामिल हैं. इस गिरावट से पता चलता है कि ग्रामीण मतदाता प्रमुख गठबंधनों की ओर झुके हैं और वे अधिक स्थिरता और स्पष्ट नीतियों की मांग कर रहे हैं.

बीजेपी ने जीतीं 240 सीटें

बता दें कि 7 जून को एनडीए की संसदीय दल की बैठक में नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना लिया गया है, जिससे उनके तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया. हालांकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी 240 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई है. वह बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई है, वहीं इंडिया ब्लॉक के खाते में 234 सीटें आई हैं. इसमें कांग्रेस 99 सीटों पर जीती है.

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(रिपोर्ट- शुभम सिंह)
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